हिमाचल प्रदेश: पत्रकारों से ‘चरित्र प्रमाण पत्र’ दिखाने का आदेश देने के बाद बैकफुट पर आई सरकार

शिमला। हिमाचल के बिलासपुर ज़िला के एसपी द्वारा जारी उस विवादित फैसले को प्रदेश के डीजीपी ने वापस ले लिया है, जिसमें आगामी पांच अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को कवर करने के लिए पत्रकारों से “चरित्र प्रमाण पत्र” की मांग के आदेश जारी किए गए थे। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी कार्यालय की तरफ़ से जारी एक प्रेस नोट में इसकी सूचना दी गई। प्रेस नोट में लिखा है,”29 सितंबर को बिलासपुर एसपी द्वारा जारी निर्देश को डीजीपी पुलिस ने वापस ले लिया है। किसी भी किस्म की असुविधा के लिए ख़ेद है। ‘हिमाचल प्रदेश पुलिस सभी पत्रकारों का प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के कवरेज के लिए स्वागत करती है।

पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिलासपुर रैली मैं कवरेज करने वाले सभी पत्रकारों से चरित्र प्रमाण पत्र लाने के निर्देश जारी किए थे। इस संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को भी पत्र जारी किया गया था इस पत्र के बवाल के बाद आखिर प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू को भी इस संबंध में खेद जताते हुए इन आदेशों को वापस लेना पड़ा। प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने ट्वीट कर बताया कि सभी पत्रकारों का स्वागत है और पुलिस हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 8 सालों के दौरान कई बार हिमाचल द्वारे पर आ चुके हैं लेकिन पत्रकारों से चरित्र प्रमाण पत्र मांगे जाने का मामला पहली बार सामने आया है। यही कारण है कि प्रदेश पुलिस मुख्यालय को एसपी बिलासपुर द्वारा जारी पत्र को वापस लेते हुए किसी भी तरह की असुविधा के लिए खेद जताना पड़ा है। बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक ने भी दोबारा से पत्र जारी कर 29 सितंबर को जारी किए गए पत्र को वापस लेने की बात कही है।

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