कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने बुधवार को गैरकानूनी तरीके से नियुक्त हुए लोगों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर गैर कानूनी नियुक्ति साबित होती है तो नौकरी तो जाएगी ही साथ ही जो वेतन दिया गया है वह भी लौटाना होगा और जेल की भी हवा खानी होगी। न्यायाधीश ने ग्रुप-डी भर्ती मामले में ओएमआर शीट में हेराफेरी में नामजद 1698 नौकरी उम्मीदवारों को यह चेतावनी दी है। साथ ही उन्होंने सीबीआई को आदेश दिया है कि गैरकानूनी तरीके से नियुक्त हुए लोगों को भी इस मामले में पक्षकार बनाया जाए।
जस्टिस बसु ने यह भी कहा कि 1698 लोगों के बयान सुनने के लिए तत्काल नोटिस जारी करना जरूरी है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि उन्हें जांच में सहयोग करना चाहिए। इस संदर्भ में सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि हालांकि कुछ लोग सहयोग कर रहे हैं, लेकिन सभी मदद नहीं कर रहे हैं। जो लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ सीबीआई अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं।
जस्टिस बसु ने कहा, “सीबीआई को इन 1698 लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। 1698 लोगों पर ओएमआर शीट में हेराफेरी करने का आरोप क्यों नहीं लगाया जा रहा है, उन्हें मामले में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है? जांच में तेजी लाएं।”