उच्च न्यायालय ने केंद्र को बंगाल धमाकों की जांच पर फैसला करने का निर्देश दिया

कोलकाता कलकत्ता उच्च न्यायालय ने साल की शुरुआत में पश्चिम बंगाल के बसंती और मालदा इलाके में हुए धमाकों को मंगलवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अधिनियम के तहत अपराध माना। उच्च न्यायालय ने केंद्र को राज्य सरकार की एक रिपोर्ट के आधार पर इन धमाकों की जांच पर फैसला लेने का निर्देश भी दिया। बसंती में 28 मार्च को हुए धमाके में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं, मालदा में 22 अप्रैल को धमाका हुआ था, जिसमें कई अन्य घायल हुए थे।

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की पीठ ने कहा कि दोनों मामलों में अपराध विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत आते हैं। उसने कहा कि विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल अनुसूचित अपराधों के अंतर्गत आता है, जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा की जा सकती है। उच्च न्यायालय में दो व्यक्तियों द्वारा तीन याचिकाएं दायर कर राज्य सरकार को मामले की जांच एनआईए को सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

जिन पुलिस थानों के क्षेत्राधिकार में धमाके हुए थे, उच्च न्यायालय ने उन थानों के प्रभारी निरीक्षकों को तीन दिन के भीतर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार से यह रिपोर्ट तीन दिन के भीतर केंद्र को भेजने के लिए कहा। उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट के आधार पर दोनों धमाकों की जांच पर फैसला लेने का निर्देश दिया।

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