कोलकाता। आपने ज्यादातर पुरुषों को ही पंडित बनते या फिर पूजा करते देखा होगा लेकिन कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान महिलाएं पंडित बनती दिखाई दी। न्यू टाउन सार्वजनीन दुर्गा पूजा पंडाल में महिलाएं पुजारियों का काम करती नजर आ रही हैं। यही नहीं महिलाएं ढाकी बजाती हुईं भी दिखेंगी। कोलकाता के उत्तरपूर्वी किनारे स्थित सैटेलाइट टाउनशिप में पहली सामुदायिक दुर्गा पूजा ‘मदर बंगाल’ और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित है।
जो महिलाएं पुजारी बनी हैं उन्हें पूजा विधि का सब कुछ पता है, उनके साथ ही कई और महिलाएं भी होंगी जो ढाकी भी बजाएंगी। पूजा समिति के सचिव बताते हैं कि पंडाल में पूजा करने वाली सभी चार पुजारी महिलाएं हैं। इसी तरह से 12 ‘ढाकी’ और ‘धुनुची नाच’ के लगभग एक दर्जन कलाकार महिलाएं ही हैं। यह नजारा देखने लायक होने वाला है, वैसे तो महिलाएं नाच अच्छा कर लेती हैं, लेकिन पूजा पाठ साथ में ढाक और ढोल बजाने, बाइक चलाने में भी महिलाओं को आगे रखा गया है।
बता दें कि धुनुची नाच शाम की आरती के दौरान किया जाने वाला नृत्य है। ज्यादातर यह अष्टमी और नवमी की संध्या में ही होता है। कलाकार अपने हाथों और मुंह से पकड़ कर धुनौची में लकड़ी का कोयला और टिकिया जलाकर और उसमे धूप-धुना देकर जलती हुई धुनौची को संतुलित रखते हुए ‘ढाक’ या पारंपरिक ढोल की धुन पर नृत्य करते हैं।