15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था। इसी दिन की याद में हर साल देश में 15 अगस्त का दिन स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल हम 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं।
हर वर्ष की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया। हालांकि इस बार जश्न-ए-आजादी का कार्यक्रम कोरोना महामारी के चलते कुछ बदला बदला सा रहा। हर साल की तुलना में मेहमान कम दिखे ताकि शारीरिक दूरी बनी रहे। सुरक्षा में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल पीपीई किट में तैनात थे।
दशकों से गुलामी की जंजीर में जकड़े भारत का 15 अगस्त, 1947 को नया जन्म हुआ था। वीर सेनानियों के संघर्ष की बदौलत अंग्रेज भारत छोड़ने पर विवश हुए और भारत को स्वतंत्र घोषित कर दिया गया। इसीलिये ये दिन भारत के इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण दिन है। भारत के लिए अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त करना इतना आसान नहीं था, लेकिन तमाम क्रांतिकारियों-सेनानियों और भारत मां के सच्चे सपूतों की बदौलत यह संभव हुआ।
15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता की घोषणा की तो पूरा देश खुशी से झूम पड़ा।15 अगस्त स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के संघर्ष को याद करने का दिन है। इसी दिन हमारे वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हमें अंग्रेजों के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी। इस मौके पर हम उनके बलिदान को याद कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।