गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने की जागरूकता मिशन शी की शुरुआत

अनिल बेदाग, मुंबई। बेहतर स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए अध्यात्म की महत्ता के बारे में लोगों को जागरूक करने की दिशा में शी (स्प्रिचुअलिटी फ़ॉर हेल्थ एंड एनवायरनमेंट) द्वारा लाइफ यात्रा मुम्बई कॉन्क्लेव का सफल आयोजन किया गया। यशवंतराव चव्हाण सेंटर, मुंबई में लाइफ यात्रा समागम के रूप में इस अनोखे कॉन्सेप्ट का अनावरण किया गया। जहां मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत उपस्थित थे। शी किशोर कुमार मोहता (संस्कार टीवी चैनल और भक्ति सागर चैनल के संस्थापक) और आईएचडब्ल्यू काउंसिल के सीईओ कमल नारायण द्वारा शुरू की गई पहल है।

इस खास मौके पर कार्यक्रम में शामिल होने वाले अन्य गणमान्य व्यक्ति थे बी.के. करुणा भाई, ट्रस्टी, ब्रह्मा कुमारिस, बीवीजी ग्रुप के चेयरमैन और एमडी हनमंतराव गायकवाड़, डॉ. संजय महेश्वरी, डॉ. हेमा, फ़िल्म अभिनेत्री मधु, होम्योपैथ डॉ. आशर शेख, किरण चव्हाण, डॉ. हेमा दिवाकर और कुनिका सदानंद सहित तमाम लोग मौजूद थे।
गुजरात के गवर्नर सहित सभी मेहमानों ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम की शुरुआत की। कमल नारायण व किशोर मोहता ने गवर्नर आचार्य देवव्रत को सम्मानित किया। उसके बाद माननीय राज्यपाल, कमल नारायण व किशोर मोहता ने फ़िल्म ऎक्ट्रेस मधु सहित कई खास हस्तियों को सम्मानित किया।

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बताया कि मुझे जब इस कार्यक्रम के लिए बुलाया गया तो मैंने इस इवेंट के मिशन को जाना और मैंने तत्काल यहां आने की अनुमति दे दी। किशोर कुमार मोहता जी एक ऐसे व्यक्तित्व हैं जो बोलते कम हैं करते ज्यादा हैं। इन्होंने स्वास्थ्य, पर्यावरण, भारतीय सभ्यता संस्कृति और अध्यात्म पर फोकस करके बेहतर समाज का निर्माण करने वाले एक मिशन की शुरुआत की है। आज सुख, शांति, आनंद, संतोष कम होता जा रहा है। झूठ, फरेब, बेईमानी, अशांति, दुराचार, भ्र्ष्टाचार, बेइंसाफी, खून खराबा बढ़ता जा रहा है। लोग आज घर का खाना न खाकर होटलों का खाना खा रहे हैं, जो हफ़्तों पहले से फ्रिज में रखे होते हैं, खेतों में ज़हर डाला जा रहा है, हम जब ऐसे खाने खाएंगे तो बीमार पड़ेंगे। जब हम अपने खेत, पानी, खाने को प्राकृतिक रखेंगे तभी बेहतर सेहत पाएंगे, मैंने लाखो किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा है। शी बहुत ही बेहतर पहल है।

बीवीजी ग्रुप के चेयरमैन और एमडी हनमंतराव गायकवाड ने कहा कि शी एक अलग तरीके का काम है जो किशोर मोहता और कमल नारायण ने शुरू किया है। बी वी जी इसमे काफी एक्टिव सपोर्ट दे रहा है। दवा मुक्त जीवन और प्रिवेंटिव हेल्थ केयर के क्षेत्र में हमें काम करने की जरूरत है। आज किडनी फेलियर सहित कई प्रकार की बीमारियां लोगों में बढ़ गई हैं। बीवीजी पिछले कई वर्षों से आयुर्वेद के क्षेत्र में इन बीमारियों से मुक्ति के लिए काफी रिसर्च का काम कर रही है। हर्बल दवाओं से कैंसर जैसी बीमारियों का इलाज संभव है। पुणे में हमारा वेलनेस सेंटर है, वहां के हेल्पलाइन नंबर 9090772424 पर फोन करके रोगी हर प्रकार की जानकारी पा सकते हैं। लिवर ट्रांसप्लांट, किडनी फेलियर, कैंसर जैसी घातक बीमारियों की हमारे पास प्रभावी दवाएं हैं जो काफी शोध करके बनाई गई हैं।

आईएच डब्लू के सीईओ कमल नारायण ने कहा कि आज तरह तरह की बीमारियों और पर्यावरण प्रदूषण को लेकर हर कोई परेशान है। पर्यावरण से हमारा स्वास्थ्य जुड़ा हुआ है। लोगों को सेहत, पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए एक अनोखा प्रोग्राम शी लांच किया गया है जिसमें अध्यात्म के द्वारा सेहत की देखभाल पर जोर दिया जा रहा है। अगर हम स्प्रिचुअलिटी के माध्यम से अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण को बेहतर करने का प्रयास करेंगे तो एक श्रेष्ठ समाज और बेहतर जीवनशैली विकसित कर सकेंगे।

किशोर मोहता ने कहा कि आध्यात्मिकता, स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच आवश्यक संतुलन के बारे में लोगों के बीच जागरूकता के मिशन के साथ एक ऐतिहासिक पहल शी एलायंस की शुरुआत की गई है। एसएचई अभियान के हिस्से के रूप में हमने ‘एसएचई-एलायंस’ की स्थापना की है। अध्यात्म भारतीय संस्कृति के मूल में है और स्वस्थ जीवन शैली और स्वस्थ शरीर और मन का संदेश हमारे धार्मिक और पौराणिक ग्रंथों में निहित है। शरीर को स्वस्थ रखना मनुष्य का पहला फर्ज बताया गया है।

फूल और कांटे फेम एक्ट्रेस मधु ने कहा कि शी स्प्रिचुअलिटी, हेल्थ और एनवायरनमेंट से जुड़ी हुई पहल है जो आज के समाज का सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी विषय है। मुझे खुशी हुई इस मिशन में शामिल होकर और मैं इसके सभी आयोजकों को ढेर सारी शुभकामनाएं और बधाई देती हूं।” डॉ. संजय महेश्वरी ने बताया कि शी की यह पहल विज्ञान और अध्यात्म के एक साथ काम करने के तरीके पर ज़ोर देगी।’ डॉ. अशर शेख ने कहा कि होमियोपैथी में कई जटिल बीमारियों का इलाज संभव है, हमें सेहत के प्रति जागरूक होना होगा। आपका शरीर ही आपको बताता है कि आप किसी रोग के शिकार हुए हैं। हमें इलाज से बेहतर सावधानी और एहतियात पर अमल करना होगा।

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