कोलकाता : KMC के 144 वार्डों में से 134 पर टीएमसी ने जीत हासिल की है जबकि बाकी 10 सीटों में से तीन पर भाजपा, दो पर माकपा, दो पर कांग्रेस और बाकी तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई है। कोलकाता नगर निगम का चुनाव परिणाम घोषित किये जाने के दूसरे दिन ही पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की। दोनों के बीच बैठक लगभग 45 मिनट तक चली। ऐसा माना जा रहा है कि राज्यपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री को राज्य की वर्तमान परिस्थिति पर रिपोर्ट दी है। उल्लेखनीय है कि केएमसी चुनाव में भी राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने प्रचंड जीत दर्ज की है।
कोलकाता के 144 वार्डों में से 134 पर पार्टी ने जीत हासिल की है जबकि बाकी 10 सीटों में से तीन पर बीजेपी, दो पर माकपा, दो पर कांग्रेस और बाकी तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत हुई है। खास बात यह है कि कोलकाता के 144 वार्डों में 16 बोरों हैं और प्रत्येक बोरों में आठ वार्ड हैं। इस लिहाज से प्रत्येक बोरो के अधिकतर वार्ड में तृणमूल कांग्रेस जीती है और इस वजह से सभी बोरो पर भी सत्तारूढ़ पार्टी का ही कब्जा रहेगा। उल्लेखनीय है कि कोलकाता नगर निगम चुनाव में बंगाल भाजपा लगातार हिंसा का आरोप लगाते रही है। भाजपा ने इस बाबत हाई कोर्ट में भी मामला दायर की थी और केंद्रीय बल की तैनाती की मांग की थी, लेकिन हाई कोर्ट के साथ-साथ राज्य चुनाव आयोग ने केंद्रीय बल की तैनाती की मांग खारिज कर दी थी। राज्यपाल लगातार निष्पक्ष चुनाव की मांग करते रहे हैं।
बता दें कि राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने महज आठ महीने में अपने जनाधार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। मंगलवार को कोलकाता नगर निगम चुनाव परिणामों में सामने आए आंकड़ों से स्पष्ट हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस को अकेले कुल मतों का 72 फ़ीसदी हासिल हुआ है। बाकी 28 फ़ीसदी वोट में भाजपा, माकपा कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार सिमट गए है। किसी भी राजनीतिक पार्टी के इतिहास में महज आठ महीने में इतने बड़े पैमाने पर मतांतर वृद्धि का मामला शायद ही पहले सामने आया है।
इसी साल अप्रैल-मई महीने में संपन्न हुए बहुचर्चित विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 57.55 फ़ीसदी वोट मिले थे। इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह भी है कि 2015 के कोलकाता नगर निगम चुनाव के समय तृणमूल कांग्रेस को 50.6 फ़ीसदी वोट मिले थे। उसके मुकाबले देखा जाए तो महज पांच सालों में सत्तारूढ़ पार्टी के मत प्रतिशत में 20 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग की ओर से अपडेटेड आंकड़े के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस को 72.2 फ़ीसदी वोट मिले हैं जबकि वाममोर्चा को 11.7 फ़ीसदी, भाजपा को 9.3 फ़ीसदी और बाकी मत कांग्रेस तथा निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले हैं। इसके पहले 2015 के केएमसी चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को 114 वार्डों में जीत मिली थी जबकि दूसरे स्थान पर माकपा 15 सीटें जीतने में सफल रही थी। बीजेपी को सात सीटें मिली थीं जो इस बार और कम होकर तीन पर सिमट गई है।