राज्यपाल बोस ने केन्द्र को लिखी चिट्ठी, तृणमूल ने दी ये प्रतिक्रिया

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस द्वारा आधी रात को केंद्र और राज्य सरकार को दो सीलबंद पत्र भेजे जाने के बाद, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि वह ‘‘भाजपा की ओर से जानबूझकर टकराववादी रुख अपना रहे हैं।’’ दूसरी ओर, भाजपा ने सत्तारूढ़ दल पर ‘‘राज्य की शिक्षा प्रणाली की गड़बड़ियां दूर करने के प्रयासों के लिए राज्यपाल पर निशाना साधकर उन्हें अपमानित करने’’ का आरोप लगाया।

तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य शांतनु सेन ने कहा कि आधी रात को गोपनीय पत्र भेजने का राज्यपाल का नया कदम ‘‘इनाम के रूप में नयी दिल्ली में शानदार नियुक्ति की इच्छा रखते हुए भाजपा को खुश करने’’ के इरादे से उठाया गया है। सेन ने कहा, ‘‘राज्यपाल सभी नियमों, कानूनों और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करके राज्य के उच्च शिक्षा क्षेत्र को बर्बाद कर रहे हैं। राज्य (सरकार) द्वारा उनकी कार्रवाई में विसंगतियों को इंगित करने के बावजूद, वह बेपरवाह दिख रहे हैं और भाजपा के समर्थन के कारण टकराववादी रुख अपना रहे हैं।’’

तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि आधी रात में अति सक्रिय होने की राज्यपाल की प्रवृत्ति पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि वह किसी के इशारे पर काम कर रहे हैं और दूसरों की बात नहीं सुन रहे हैं।’’ तृणमूल कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘राज्यपाल पिछले एक दशक में उच्च शिक्षा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस द्वारा फैलायी गई गंदगी को साफ करने की कोशिश कर रहे हैं। वह राज्य विश्वविद्यालयों के परिसरों में राजनीतिकरण, भय और धमकी के युग को समाप्त करने के लिए ओवरटाइम काम कर रहे हैं।’’

मजूमदार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की उनकी पहल पसंद नहीं आने के कारण सत्तारूढ़ दल अशोभनीय तरीके से राज्यपाल को अपमानित कर रहा है। उसे उन छात्रों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है जो कई राज्य विश्वविद्यालयों में अराजक स्थिति के कारण पीड़ित हैं।’’ राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा राज्यपाल पर उच्च शिक्षा प्रणाली को ‘नष्ट’ करने और विश्वविद्यालयों में ‘कठपुतली शासन’ चलाने का आरोप लगाए जाने के बाद बोस ने पत्र लिखे हैं।

बोस ने शिक्षा मंत्री की कड़ी आलोचना और हमलों की पृष्ठभूमि में आधी रात को ‘बड़ी कार्रवाई’ की चेतावनी दी थी। रात में मध्य रात्रि के करीब राजभवन के एक अधिकारी ने बताया कि बोस ने ‘‘दो गोपनीय सीलबंद पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं’’ एक राज्य सचिवालय, नबन्ना के लिए और दूसरा केंद्र के लिए। अधिकारी ने बताया, ”आपको पत्रों की विषयवस्तु के बारे में बाद में पता चलेगा। उन्होंने संकेत दिया कि यह विषय राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच हालिया वाकयुद्ध पर हो सकता है।

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