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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को राजभवन में उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपतियों और कुलपतियों के शामिल नहीं होने पर नाराजगी जताई। राज्यपाल ने इससे पहले उन कुलाधिपतियों और कुलपतियों को 20 दिसंबर को होने वाली एक बैठक के लिए आमंत्रित किया था। बाद में उसकी तारीख बदल दी गई और गुरुवार का दिन निर्धारित किया गया था क्योंकि निजी विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कोविड-19 के हालात के तहत इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी।
धनखड़ ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि निजी विश्वविद्यालयों के 11 कुलपति और कुलाधिपति राज्यपाल के साथ एक बैठक में शामिल होने के लिए नहीं आए। इसी तरह की स्थिति जनवरी, 2020 में भी पैदा हुई थी, जब राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आमंत्रित किया गया था। राज्यपाल ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘ यह स्थिति चिंताजनक है और यह शासक के नियम की तरफ इशारा करती है न कि कानून के नियम की तरफ। इस तरह की परिदृश्य को व्यक्त नहीं किया जा सकता।’’
वीडियो में राजभवन में बैठक के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली नजर आ रही हैं। धनखड़ ने एक ट्वीट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को टैग करते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में स्थिति चिंताजनक है क्योंकि राज्यपाल-विजिटर के साथ आयोजित बैठक में निजी विश्ववि्दयालय के कुलाधिपति और कुलपति नहीं आए। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार कुलाधिपति को दरकिनार कर कुलपतियों की नियुक्ति कर रही है और उन्हें इस घटनाक्रम पर कड़ा रुख अपनाने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने ट्विटर पर अपलोड किए गए वीडियो में कहा कि वह इन सभी नियुक्तियों पर फिर से विचार किए जाने का निर्देश देते हैं।