नयी दिल्ली। राज्यसभा में मंगलवार को सदस्यों ने सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बहुपक्षीय रणनीति बनाने और दोषी लोगों को दंडित करने की सरकार से मांग की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने शून्यकाल के दौरान देश में सड़क दुर्घटनाओं का मामला उठाते हुए कहा कि घटिया गुणवत्ता के सड़कों के निर्माण से गड्ढे बनने के कारण वर्ष 2018-19 में चार हजार से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। एक अध्ययन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं के कारण सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) के तीन प्रतिशत का नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि मोटर वाहन कानून को और मजबूत करने की जरुरत है क्योंकि सड़कों के निर्माण से जुड़े ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जिम्मेदारी निर्धारित नहीं है। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर दुर्घटनाएं साइन बोर्ड नहीं होने और अवरोधक नहीं रहने के कारण होती है। तृममूल कांग्रेस के नदीमुल हक ने कहा कि भारत का सड़क दुर्घटनाओं में पहला स्थान है और यहां 11 प्रतिशत मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण होती है।
उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन किया गया है इसके बावजूद वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े दोगुना होने की संभावना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वाहनों में सफेद एलईडी लाइट लगाई जा रही है, जिसके कारण लोगों को दृष्टि दोष होता है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे सड़कों पर लोगों की यात्रा सुरक्षित हो।