नयी दिल्ली। कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण की तेज गति के मद्देनजर अर्थव्यवस्था में आ रही मजबूती से अब लाेगों के जोखिम भरे निवेश की ओर आकर्षित होने से अगली दिवाली तक सोना के 53 हजारी होने की उम्मीद जतायी जा रही है। बाजार अध्ययन करने वाली कंपनी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की मानें तो अगले 12 महीनों में सोने की कीमतों को लेकर उसका रुख सकारात्मक है। कंसॉलिडेशन की प्रक्रिया के बाद कुछ उछाल देखने को मिल सकता है। मौजूदा परिदृश्य में कम समय के लिए कुछ बाधायें आ सकती हैं, जो निवेशकों को खरीददारी का बेहतर मौका दे सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना एक बार फिर से 2000 डॉलर तक बढ़ने की क्षमता रखता है और यहां तक कि कॉमेक्स पर एक नया लाइफटाइम हाई भी बना सकता है। घरेलू मोर्चे पर अगले 12 महीनों में कीमतें 52000-53000 रुपये प्रति दस ग्राम के उच्च स्तर तक जा सकती हैं। उसने कहा कि वर्ष 2019 और 2020 के दौरान सोने की कीमतों में अच्छा उछाल देखा गया है, जो क्रमशः 52 प्रतिशत और 25 प्रतिशत के करीब रहा है। हालांकि 2021 में कुछ गिरावट भी देखी गयी और अभी सोना 47000 रुपये से 49000 रुपये प्रति दस ग्राम के बीच कारोबार कर रहा है।
भारत में सोने की मांग 2020 में महामारी के दौरान देखे गए निचले स्तर से तेजी से बढ़ी है। दिवाली 2020 के विपरीत इस साल प्रतिबंधों में काफी ढील है, दुकानें खुली हैं और इस साल कुल मांग में भी वृद्धि हुई है, जिससे आयात भी बढ़ा है। सितंबर 2021 तक 740 टन सोना का आयात हुआ है। उसने विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) का हवाला देते हुये कहा कि डब्ल्यूजीसी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में समाप्त तिमाही के लिए सोने की मांग सालाना आधार पर 47 प्रतिशत बढ़कर 139.1 टन हो गई।
जबकि एक साल पहले यह 94.6 टन रही थी। जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि के दौरान भारत में आभूषणों की मांग में भी सालाना आधार पर 58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो कि मजबूत मांग, अवसरों से संबंधित उपहार, आर्थिक सुधार और कम कीमतों के कारण 96.2 टन पहुंच गई है।