नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में 59 लोगों को आग लगाकर मारने के मामले में जेल में बंद 27 दोषियों की जमानत याचिकाओं पर गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ 27 फरवरी 2002 को हुई दिल दहलाने वाली इस घटना के मामले के याचिकाकर्ताओं और राज्य सरकार की दलीलें सुनने के बाद दोषियों को जमानत देने की मांग वाली याचिकाओं पर गुजरात सरकार को विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में इसी घटना के दोषी फारुख को जमानत दी थी। अदालत ने जमानत के लिए फारुख के पिछले 17 वर्षों से जेल में बंद होने को प्रमुख आधार माना था। शीर्ष अदालत के इस फैसले को आधार मानते हुए अन्य 27 दोषियों ने जमानत की उम्मीद में शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
अदालत ने इन दोषियों में कुछ को उम्र कैद और अन्य को मौत की सजा सुनाई थीं। कई दोषियों के मृत्यु दंड को आजीवन कारावास में बदलने के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाएं शीर्ष अदालत में लंबित हैं। साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग आगजनी की घटना में बच्चों और महिलाओं समेत 59 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इस घटना के बाद गुजरात के कई हिस्सों में भड़के दंगों में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे।