नई दिल्ली : विश्व का कर्ज जीडीपी अनुपात 2020 में 356 फीसदी तक पहुंच गया है। यह 2019 की तुलना में 35 फीसदी ज्यादा है। दुनिया में पिछले साल जितना सकल उत्पादन हुआ, उसके मूल्य से 356 गुना ज्यादा कर्ज दुनिया पर मौजूद था। 2020 में इस मामले में इतनी बढ़ोतरी इसलिए हुई, क्योंकि कोरोना महामारी के कारण ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था सिकुड़ी, जबकि लगभग तमाम देशों ने ज्यादा कर्ज लेकर महामारी से निपटने पर असामान्य रूप से ज्यादा खर्च किया।
इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल फाइनेंस (आइआइएफ) के मुताबिक, पिछले साल गैर वित्तीय प्राइवेट सेक्टर का कर्ज पूरी दुनिया के सकल आर्थिक उत्पाद की तुलना में 165 फीसदी तक ज्यादा था। यह स्तर 2008 के वित्तीय संकट के समय की कर्ज की मात्रा से भी ज्यादा है। 2008 में वैश्विक कर्ज अनुपात में वृद्धि 10 फीसदी हुई थी। विश्व बैंक ने पिछले साल ध्यान दिलाया था कि 1970 के बाद से कर्ज बढऩे का परिणाम वित्तीय संकट के रूप में सामने आया है।