जेण्डर इक्विटी की कार्यशाला ब्लॉक संसाधन केंद्र में संम्पन्न

उरई, जालौन, उत्तरप्रदेश । जेंडर इक्विटी की कार्यशाला ब्लॉक संसाधन केंद्र मदारीपुर ब्लॉक कुठौंद में सम्पन्न हुई। कार्यशाला का शुभारंभ ईश्वर बंदना के साथ शुरू हुई। सभी आये हुए प्रतिभागियों का सर्वप्रथम परिचय प्राप्त किया गया। इसके उपरांत कार्यक्रम के उद्देश्य को संदर्भदाता देवेंद्र सिंह ने विस्तार से बताया। कई उदाहरणों के माध्यम से यह बताया गया कि आम जनमानस ने समाज में स्वयं ही कार्यों को महिला, पुरूष में बांट दिया है जो गलत है। समाज में यह धारणा है कि घर की साफ सफाई, साज सज्जा, भोजन पकाने, नर्स, बच्चों की देखभाल आदि काम लड़कियों, महिलाओं के लिये है। जबकि घर के बाहर के काम बाजार से सामान क्रय करना, मेहनत वाले कार्य केवल पुरूष ही कर सकता है।

यह धारणा पूर्णत: ग़लत है। डॉ. कमलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि हमे अपनी सोच बदलनी होगी। ग्रामीण परिवेश में लोग अब भी लड़कियों को पढ़ाने में रूचि नहीं लेते हैं। उनका कहना होता है कि लड़की को तो पराये घर जाना है वह पढ़ लिख कर क्या करेगी। जब कि हर परिवार यह चाहता है कि उसके घर पढ़ी लिखी बहु आये। यह कैसे सम्भव हो सकता है। लड़का और लड़की के बीच जो अंतर है उसे समाप्त करना होगा। हर कार्य को लड़का, लड़की कर सकते है बस हमे उनके अन्दर आत्मविश्वास जगाने की जरूरत है। क्योंकि हम आप सभी अध्यापक है जो समाज से सबसे निकट है। आप हम ही जनजागरण के माध्यम से इस विसंगति को दूर कर सकते हैं। यह कार्य इतना आसान नहीं है लेकिन असंभव भी नहीं है।

देवेन्द्र सिंह ने बताया कि आप सभी को अपने अपने विद्यालय में जाकर जेंडर संवेदीकरण से सम्बंधित कार्यशाला आयोजित करनी है। सभी एआरपी, खंड शिक्षा अधिकारी, संदर्भदाता, राज्य संदर्भदाता को भी कार्यशाला में आमंत्रित करना है।समाज मे फैली अन्य बुराइयों को जैसे अंधविश्वास, दहेज प्रथा आदि विषयों पर चार्ट, पोस्टर, नाटक, एकांकी आदि कैसे प्रदर्शन करना है। न्यायपंचायत पर श्रेष्ठ प्रदर्शन को ब्लॉक लेवल पर की जा रही नारी चौपाल में न्याय पंचायत वार दिखाना है।

इस अवसर पर विकासखंड कुठौंद के कर्मठ शिक्षा अधिकारी महेश शर्मा ने कहा कि हमे अभी से इस कार्य में लग जाना है और समाज में फैले लिंगभेद के अंतर को ख़त्म करना है। ब्लॉक कुठौंद के उच्च प्राथमिक विद्यालय के सभी प्रधान अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर संजीत, प्रमोद, श्यामजी त्रिपाठी, डॉ. दयानंद वर्मा, मुन्नी देवी, वीरेंद्र कुशवाहा आदि उपस्थित रहे।

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