दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिकों की जिंदगी में बदलाव के लिए काम करेगा गेट्स फाउंडेशन

कोलकाता। दार्जिलिंग के 87 चाय बागानों में काम करने वाले 52 हजार से अधिक श्रमिकों के दिन अब बहुत जल्द बदलने वाले हैं। बागान श्रमिकों की आर्थिक बेहतरी सुनिश्चित करने और आजीविका के नए अवसर पैदा करने के लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) आगे आया है। इसके लिए बीएमजीएफ के भारतीय निदेशक एम हरि मेनन के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने पहली बार दार्जिलिंग पहुंचकर चाय बागानों का दौरा किया।

यह दौरा दार्जिलिंग वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष और भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला के प्रयासों से संभव हुआ है। प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न स्थानीय स्टेक होल्डरों से बातचीत कर चाय बागान श्रमिकों की स्थिति में सुधार की संभावनाएं तलाशी। दार्जिलिंग वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि दुनिया के अग्रणी परोपकारी संगठन के प्रतिनिधियों का दार्जिलिंग के बागान श्रमिकों के लिए कार्य करने का निर्णय सराहनीय है।

उम्मीद है कि इस दौरे से आपसी साझेदारी और तालमेल बढेगा, दार्जिलिंग के चाय बागान श्रमिकों के साथ साथ स्थाई विकास और प्रगति का द्वार खुलेगा।
दार्जिलिंग में इस समय 19 हजार हेक्टेयर में चाय के 87 बागान हैं। मौजूदा समय में क्षेत्र में 72 कारखाने चल रहे हैं जहां से सालाना दस मिलियन किलो चाय का उत्पादन होता है। बागानों में 52 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसमें बडी संख्या में महिलाएं भी हैं।

इन श्रमिकों पर पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। एक अनुमान के मुताबिक श्रमिकों पर दो लाख परिवारजन निर्भर है। हालांकि फैक्ट्री संचालकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें कम वेतन, कंपनी में तालाबंदी, बोनस का अभाव, परिवहन साधनों की कमी, स्वास्थ्य की उचित देखभाल समेत बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने में प्रबंधन की अक्षमता शामिल है।

इसलिए भी यह जरूरी है कि श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अविलंब कदम उठाए जाएं। इसके लिए विभिन्न स्टेकहोल्डरों के सहयोग से सुनियोजित कार्यक्रम शुरू करना प्रभावी साबित हो सकता है। यह कार्यक्रम दार्जिलिंग की चाय की विरासत को संजो रहे श्रमिकों के न केवल सामाजिक विकास बल्कि आय के अतिरिक्त साधनों पर केंद्रित होगा।

अपनी यात्रा के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के मुख्य कार्यकारी, दार्जिलिंग वेलफेयर सोसायटी के सदस्य और समेत क्षेत्र के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। गेट्स फाउंडेशन प्रतिनिधियों ने चाय बागान श्रमिकों की स्थिति सुधारने, अपशिष्ट निपटान प्रबंधन आदि के लिए पायलट परियोजनाओं की जांच हेतु फील्ड विजिट भी किया।

गौरतलब है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन भारत में स्वास्थ्य, स्वच्छता, शिक्षा, कृषि समेत कई अन्य क्षेत्रों में सक्रिया योगदान दे रहा है। फाउंडेशन बिहार, उत्तर प्रदेश के साथ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र में लैंगिक समानता-डिजिटल वित्तीय समावेशन समेत कई विकास योजनाओं से जुड़ा है।

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