पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024- गरीब, युवा, महिला, किसान- सबके लिए प्लान

मध्यम वर्ग से वेतन श्रेणी वर्ग तक व टैक्सपेयर्स को सौगातो की बौछार में कंजूसी!
हैट्रिक @ 3.0 का पहला 2047 की मजबूत नींव रखने वाला बजट- मध्य वर्ग मायूस-सौगातो की झड़ी लगाने वाला सराहनीय बजट- एड. के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के बड़े-बड़े देशों में राजनीतिक अस्थिरता व आंदोलनों की उठापटक लगी हुई है, जिसके सटीक उदाहरण 21 जुलाई 2024 को जो बाइडेन द्वारा राष्ट्रपति उम्मीदवार पद से हटना, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी आंदोलन का सुप्रीम कोर्ट द्वारा समाधान, केन्या में बजट 2024 से नई टैक्स लगाने व पुरानी टैक्सों में बढ़ावा करने के खिलाफ की विधेयक 2024 को संसद में पारित होने के बावजूद राष्ट्रपति द्वारा रोकने के बाद भी आंदोलन व ब्रिटेन में भारतवंशी की प्रधानमंत्री चुनाव में हार सहित अनेको देश में सरकारें बदलने सहित अनेक घटनाओं के बीच पूरी दुनियां की नजरे भारतीय बजट 23 जुलाई 2024 पर लगी हुई थी, जो घोषित होने के बाद सभी के पूर्वानुमान उम्मीदों पर खरा खरा उतरा तो किसी को मायूसी हुई।

सेंसेक्स बजट आने के बाद अनेक प्वाइंटों से धड़ाम से नीचे गिराफिर देर शाम संभला। बजट में मध्यम वर्ग को कुछ मायूसी जरूर हुई, परंतु विजन 2047 पर फोकस के लक्षण खुलकर दिखा, बजट फिट रहा मैंने बजट में जिस तरह से पांच प्वाइंटों का पूर्वानुमान किया था उसमें तीन पॉइंट्स पूरी हुई जिसमें टैक्स स्लैब में वृद्धि, स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि तथा विजन 2047 के प्रोविजंस। बजट कुल मिलाकर गरीब, युवा, महिला, किसान सबके लिए प्लान वाला रहा। चूंकि हैट्रिक एट द रेट ऑफ 3.0 का पहला 2047 की मजबूत नींव रखने वाला बजट था जिसमें सौगातो की झड़ी लगाई गई इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 गरीब, युवा, महिला, किसान सबके लिए प्लान परंतु मध्यम वर्गीय बजट से खुश नजर नहीं आ रहे।

साथियों बात अगर हम 23 जुलाई 2024 को घोषित बजट की करें तो, वित्त ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। 1 घंटे 23 मिनट के भाषण में उनका फोकस शिक्षा, रोजगार, किसान, महिला और युवाओं पर रहा। इसके अलावा नीतीश कुमार के बिहार और चंद्रबाबू नायडू के आंध्र प्रदेश पर केंद्र सरकार मेहरबान रही। आज कर बजट में गरीब, युवा, महिला, किसान- सबके लिए प्लान, वाली सोच पर आधारित है, जिसमें विजन 2047 की ओर बढ़ने का जज्बा दिखा।

इस संपूर्ण बजट का मैंने विश्लेषण किया इसके पूर्व मैंने जो पांच बातों का अनुमान मीडिया में लगाया था वह उनमें से तीन अनुमान पूरे हुए, टैक्स स्लैब में बढ़ोतरी हुई, स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ा तथा विजन 2047 की ओर बजट का रुझान रहा, इसके अतिरिक्त जो अच्छी बातें आई वह आयकर अधिनियम 1961 की धारा 276 बी जिसमें टीडीएस पेड करने में विलंब पर जो 7 साल की सजा का प्रावधान था उसे हटाया गया है, कैपिटल गेन जो 20 प्रतिशत था उसे घटाकर 12.50 प्रतिशत कर दिया गया है। एक करोड़ युवाओं को एक वर्ष के लिए इंटर्नशिप व 5000 रुपए स्टाइपेंड देने की बात कही गई है। महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों के लिए अनेक योजनाएं की गई है, जो प्रशंसनीय है।

परंतु मध्यवर्गीय को कुछ देने में कंजूसी बढ़ती गई है जिससे उनको निराशा हाथ लगी है, आशा है भविष्य में उनको कुछ दिया जाएगा! बजट में नई टैक्स रिजीम चुनने वालों के लिए अब 7.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री हो गई है। याने उन्हें 17.5 हजार रुपए का फायदा हुआ है। पहली नौकरी वाले जिनकी सैलरी 1 लाख रुपए से कम होगी, उन्हें सरकार अधिकतम 15 हजार रुपए तीन किश्तों में देगी। सरकार 3.0 बिहार के सीएम और आंध्र प्रदेश के सीएम के भरोसे केंद्र में सत्ता चला रही है। वित्तमंत्री ने बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की।

न्यू टैक्स रिजीम में राहत : टैक्स रिजीम के तहत अब 3 लाख से 7 लाख रुपए की आय पर 5 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स देना होगा। पहले ये 6 लाख तक था। न्यू टैक्स रिजीम के अन्य स्लैब में भी बदलाव किया गया है। इन दोनों बदलावों से टैक्सपेयर्स को 17,500 रुपए तक का फायदा होगा। हालांकि, पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

बजट में क्या सस्ता, क्या महंगा हुआ : कैंसर दवा, सोना-चांदी, प्लेटिनम, मोबाइल फोन, मोबाइल चार्जर, बिजली के तार, एक्सरे मशीन, सोलर सेट्स, लेदर और सीफूडस सस्ते हुए हैं। मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटकर 15 प्रतिशत हुई। सोना और चांदी के गहनों पर कस्टम्स ड्यूटी घटकर 6 प्रतिशत हुई। टेलिकॉम के सामान 15 प्रतिशत और प्लास्टिक प्रोडक्ट 25 प्रतिशत महंगे हो गए हैं। पहली नौकरी वालों के लिए : 1 लाख रुपए से कम सैलेरी होने पर, EPFO में पहली बार रजिस्टर करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद तीन किश्तों में मिलेगी।

बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए : बिहार को 58.9 हजार करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ की मदद। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए विशेष स्कीम। बिहार में विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर बनेगा। नालंदा विश्वविद्यालय को पर्यटन केंद्र बनाएंगे। एग्रीकल्चर के लिए सरकार ने एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए दिए। पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। यानी इस बार किसानों के लिए बजट 21.6 प्रतिशत यानी 25 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। 6 करोड़ किसानों की जानकारी के लिए लैंड रजिस्ट्री पर लाई जाएगी। 5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। हालांकि, बजट में किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी को लेकर कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई।

हर साल 20 लाख युवाओं को इंटर्नशिप, एजुकेशन लोन पर 3 प्रतिशत ब्‍याज सरकार देगी : शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले बजट से 32 प्रतिशत ज्यादा है। बजट भाषण में वित्त मंत्री ने नौकरियों और स्किल ट्रेनिंग से जुड़ी 5 स्कीम्‍स का ऐलान किया है। 1 करोड़ युवाओं को 5 साल में स्किल्ड किया जाएगा। सरकार 500 टॉप कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देगी इंटर्नशिप के दौरान 5 हजार रुपए हर महीने का स्‍टाइपेंड मिलेगा। हायर एजुकेशन के लिए 10 लाख तक का लोन जिन स्‍टूडेंट्स को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए 10 लाख तक के लोन में सरकारी मदद म‍िलेगी। सालाना लोन पर ब्‍याज का 3 प्रतिशत पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को मिलेंगे।

महिलाओं और लड़कियों के लिए : महिलाओं और लड़कियों के लिए लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान। सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए : सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 1 करोड़ घरों को 300 यूनिट तक हर महीने बिजली फ्री। वित्त वर्ष 2023-24 में नेट कॉर्पोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन 9.11 लाख करोड़ रुपये था, जबकि नेट पर्सनल टैक्‍स कलेक्‍शन 10.44 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह 2022-23 में, कॉर्पोरेट टैक्‍स कलेक्‍शन 8,25,834 करोड़ रुपये और पर्सनल टैक्‍स कलेक्‍शन 8,33,307 करोड़ रुपये था। ऐसे में मध्यम वर्ग के परिवारों को उम्मीद थी कि टैक्स छूट अधिक मिलेगी परंतु ऐसा नहीं हुआ।

साथियों बात अगर हम 22 जुलाई से 12 अगस्त 2024 तक होने वाले बजट सत्र की करें तो, संसदीय कार्य मंत्री ने यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसकी मंजूरी दे दी थी। यह बजट नई सरकार का पहला पूर्ण बजट होगा। फरवरी में सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था। हैट्रिक 3.0 का पहला बजट 23 जुलाई को पेश हुआ। वित्त मंत्री ने लगातार सातवीं बार बजट पेश की, वे ऐसा करने वाली देश की पहली वित्तमंत्री बन गई है। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे। अब यह 23 जुलाई को बजट पेश करते ही लगातार सातवीं बार ऐसा करने वाली देश की पहली वित्त मंत्री बन गई। इससे पहले मोरारजी देसाई ने लगातार छह बजट पेश किए थे। हालांकि मोरारजी ने सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। उनके बाद पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने 9 बार, यशवंत राव चव्हाण, सीडी देशमुख और यशवंत सिन्हा ने 7 बार बजट पेश किया। मनमोहन सिंह और टी. कृष्णमचारी 6 बार बजट पेश कर चुके हैं। बजट 23 जुलाई को, लगातार 7 वीं बार पेश हुआ, ऐसा करने वाली पहली वित्त मंत्री हुई; 23 जुलाई को बजट पेश होने का मतलब है कि एक दिन पहले 22 जुलाई को इकोनॉमिक सर्वे पेश हुआ। 22 जुलाई को ही संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ है, ऐसे में सत्र के पहले दिन इकोनॉमिक सर्वे और दूसरे दिन बजट पेश किया गया जो पूर्व निर्धारित था।

साथियों बात अगर हम बजट बनाने की लंबी प्रक्रिया की करें तो,
(1) सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टिमेट बनाने के लिए कहता है। उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल के खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है।
(2) एस्टिमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते हैं। इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है। इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है।

(3) वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है। राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है।
(4) प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं। इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं। बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं।

(5) बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरिमनी होती है। एक बड़ी सी कढ़ाई में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है। इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है। प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं। इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई।
(6) वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते हैं। 2016 तक यह फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था। 2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा। इस साल पहली बार बजट के सभी दस्तावेज यूनियन बजट मोबाइल पर उपलब्ध कराए गए।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 गरीब, युवा, महिला, किसान- सबके लिए प्लान। पूर्ण बजट 2024 सबकी उम्मीद पर फिट-विकसित भारत के सपने विजन 2024 के लक्ष्य पर हिट मध्यम वर्ग से वेतन श्रेणी वर्ग तक व टैक्स पेयर्स को सौगातो की बौछार में कंजूसी! हैट्रिक @ 3.0 का पहला 2047 की मजबूत नींव रखने वाला बजट- मध्य वर्ग मायूस- सौगातो की झड़ी लगाने वाला सराहनीय बजट है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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