पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 में मध्यमवर्ग व करदाताओं को नई व पुरानी दोनों टैक्स स्लैब की व्यवस्थाओं को बढ़ाकर सौगात देने की संभावना
मध्यम वर्ग ने 18वीं लोकसभा चुनाव मतदान में गूंज सुनाई- बात सबसे अधिक टैक्स देने वाले मध्यम वर्ग को सौगात देने महामंथन पर आई- एडवोकेट के.एस. भावनानी
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर हम देख रहे हैं कि सरकारें अपनी निरंतरता खो रही है, जिसका सटीक उदाहरण हाल ही में ब्रिटेन, फ्रांस, ईरान, नेपाल इत्यादि देशों में सरकारें बदली है, जिसकी चर्चा माननीय पीएम ने भी ऑस्ट्रिया में दिनांक 10 जुलाई 2024 को मूल भारतीयों को संबोधन के समय की थी और हैट्रिक 3.0 का भी उल्लेख किया था और वहां से देर रात्रि भारत लौटकर 11 जुलाई 2024 को ही नीति आयोग व प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक कर महामंथन कर उनके सुझावों को गंभीरता से सुना था। अब अमेरिका में भी जहां 5 नवंबर 2024 को चुनाव होने हैं कुछ सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। हालांकि भारत में हैट्रिक 3.0 रहा परंतु यह पूरी तरह क्लियर नहीं रहा जैसा कि पिछले दो टर्म में हुआ था। यानें सत्ताधारी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं बल्कि बैसाखियों का सहारा मिल चुका है, जिसका संज्ञान पार्टी ने जरूर लिया होगा और हर उस बिंदु पर आपसी महामंथन जरूर किया होगा जिसका समाधान अब पूर्ण बजट एटद रेटऑफ 23 जुलाई 2024 के माध्यम से पाटनें की कोशिश जरूर होगी।
मेरा मानना है कि 18वीं लोकसभा में मध्यम वर्ग ने चुनाव में अपनी गूंज जरूर सुनाई होगी, क्योंकि वर्ष 2014 से लेकर अभी तक आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन नहीं दिया गया है और मध्यमवर्ग वालों को कोई भी स्कीम नहीं दी गई थी हालांकि यही वर्ग सबसे अधिक कर देने में आगे रहता है। सीधी भाषा में कहें तो राष्ट्र के विकास में इस वर्ग का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। इन्हीं के टैक्स के बल पर रेवड़ियों का वितरण होता है और इन्हें ही अगर नजर अंदाज किया जाएगा तो अपनें वोट अस्त्र के माध्यम से अपनी गूंज जरूर सुनाई होगी। जिसका संज्ञान इस पूर्ण बजट 2024 के माध्यम जरूर लिया लिए जाने की संभावना है। मेरा पूर्ण विश्वास है कि इस बजट के माध्यम से मध्यम वर्ग के लिए सौगातो की बारिश हो सकती है तथा इन्हीं सौगातो के कारण विजन 2047 को तेजी से आगे बढ़ाने की ताकत भी मिलेगी। चूंकि मध्यमवर्ग ने 18 वीं लोकसभा चुनाव मतदान में गूंज सुनाई, बात सबसे अधिक टैक्स देने वाले मध्यम वर्ग को सौगात देने महामंथन पर आई, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, पूर्ण बजट एटद रेटऑफ 23 जुलाई 2024 मध्यम वर्ग, पूंजीगत खर्च व विकसित भारत विजन 2047 की गूंज सुनाई देने की पूर्ण संभावना है।
साथियों बात अगर हम पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 के महत्व और 11 जुलाई 2024 को पीएम के नीति आयोग व अर्थशास्त्रियों से महामंथन की करें तो, हैट्रिक 3.0 का पहला बजट-देश भर की निगाहें, इस पर यह सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट है। इस प्रमुख आर्थिक दस्तावेज में 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की रूपरेखा पेश किए जाने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ने पिछले महीने संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए संकेत दिया था कि सरकार सुधारों की गति बढ़ाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाएगी। सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट को लेकर ये बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टैनली ने भी बीते कल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि केन्द्रीय वित्तमंत्री इस बजट में विकसित भारत के लिए रोड मैप पेश कर सकती है। बजट आने में 08 दिन बचे हैं और इससे पहले पीएम इसको लेकर महामंथन कर रहे हैं।
पीएम की नीति आयोग और अर्थशास्त्रियों के साथ दिल्ली के नीति आयोग में बजट को लेकर बैठक हुई है। आने वाली 23 जुलाई को आम बजट 2024 पेश किया जाएगा और वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2024–25 के लिए खर्चों और कमाई का लेखा जोखा संसद के पटल पर रखेंगी। संसद का बजट सत्र 22 जुलाई, सोमवार से शुरू हो जाएगा। यह बैठक वित्तमंत्री द्वारा 7 जुलाई को विभिन्न हितधारकों के साथ 11 बजट- पूर्व चर्चा समाप्त करने के कुछ दिनों बाद हुई। कई दिनों तक चली इस चर्चा में 120 आमंत्रितों, 10 हितधारक समूहों ने बजट से अपनी अपेक्षाओं के संबंध में अपनी सिफारिशें और विचार प्रस्तुत किए। करदाताओं को संभावित राहत के लिए विशेषज्ञों ने भी केंद्र को सुझाव दिया है कि खपत को बढ़ावा देने के लिए करदाताओं पर कर का बोझ कम किया जाना चाहिए। ऐसी अटकलें हैं कि बड़े कर सुधार पेश किए जा सकते हैं, जिसमें मानक कटौती के लिए बढ़ी हुई सीमा, पूंजीगत लाभ करों का संभावित पुनर्गठन आदि शामिल हैं। बीमा कम्पनियों ने अपने उत्पादों को अधिक किफायती बनाने तथा फलस्वरूप उनकी पहुंच बढ़ाने के लिए कर राहत की मांग की है।
एमएसएमई क्षेत्र ने 45-दिवसीय भुगतान नियम में ढील देने जैसे सुझाव दिए हैं, जिसके तहत वस्तुओं और सेवाओं की खरीद के 45 दिनों के भीतर एमएसएमई को भुगतान करना अनिवार्य है, ताकि बड़ी कंपनियों को अन्य स्रोतों की ओर देखने से रोका जा सके। इस बीच, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन योजना की बहाली, 8वें वेतन आयोग का तत्काल गठन, अनुकंपा नियुक्तियों पर 5 प्रतिशत की सीमा हटाने सहित अन्य मांगें कर रहा है। अर्थ शास्त्रियों व पीएम के बीच चर्चा में कर दरों पर भी चर्चा हुई। बैठक में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत कई स्लैब के मुद्दे पर चर्चा हुई। यह बात सामने आई कि दरों की बहुलता को कम करने की आवश्यकता है यह मीडिया में आया है। मीडिया में बताया गया कि विनिर्माण क्षेत्र पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस बात पर विचार किया गया कि भारत को और भी बहुत सी चीजों का विनिर्माण करना चाहिए और विनिर्माण न केवल आर्थिक विकास की उच्च दर हासिल करने में बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में शामिल होने के रणनीतिक लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। बताया गया कि कपड़ा क्षेत्र, जिसमें भारत कभी विश्व में अग्रणी था, पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई।
साथियों बात अगर हम बजट 23 जुलाई 2024 में मध्यम वर्गीय हितधारकों के लिए सौगातों का पिटारा खुलने की करें तो, मेरा मानना है कि बजट 2024-25 में टैक्स छूट को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती हैं। इस बार के बजट में टैक्स छूट मिल सकती है। इस कदम से 5 लाख से 15 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले व्यक्तियों को लाभ मिलेगा। अभी ये लोग 5 से 20 फीसदी की टैक्स रेट का सामना कर रहे हैं। केंद्र सरकार बजट में व्यक्तिगत आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने की घोषणा भी कर सकती है। ऐसा करने से अर्थव्यवस्था में खपत बढ़सकती है और मध्यम वर्गके लोगों की बचत बढ़ सकती है आयकर के लिए सालाना आय सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर चार से पांच लाख रुपये किया जा सकता है। पीएम किसान योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बजट में बढ़ाई जा सकती है। किसानों को फिलहाल हर साल 6000 रुपये की राशि दी जाती है। यह राशि बढ़ाकर 8000 रुपये वार्षिक की जा सकती है। इसके अलावा बजट में उद्योग जगत को भी कर में राहत दिए जाने की उम्मीद है।
छोटे और मध्यम उद्योगों को सौगात दिए जाने की उम्मीद की जा रही है। इस बजट में युवाओं के लिए सरकारी विभागों के साथ प्राइवेट सेक्टरों में रोजगार के अवसर पैदा करने की व्यवस्था हो सकती है। सरकार का ध्यान ज्यादा से ज्यादा नौकरियों का सृजन करने पर है। इनकम टैक्स में 80 सी के तहत टैक्स में कटौती की सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है। आयकर की धारा 80 सी के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है। इस बार बजट में इस छूट की सीमा बढ़ाए जाने की संभावना है। करदाताओं का कहना है कि 2014 के बाद से इस छूट में इजाफा नहीं किया गया है जबकि 10 सालों में महंगाई काफी बढ़ गई है। धारा 80सी में करदाताओं को निवेश और व्यय पर कर में छूट दी जाती है। इसमें जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, म्युचुअल फंड, बच्चों की शिक्षा में ट्यूशन फीस, गृह ऋण के मूलधन के भुगतान आदि पर कर छूट मिलती है।
रसोई गैस पर सब्सिडी बढ़ने की आशा वित्तमंत्री बजट में रसोई गैस की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती हैं। रसोई गैस पर सब्सिडी बढ़ाई जा सकती है। महिलाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सब्सिडी के लिए नौ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था कर सकती है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात मार्च को वित्तीय वर्ष 2024-25 में उज्ज्वला योजना में हर साल 14.2 किलोग्राम के 12 गैस रिफिल तक 300 रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की थी। यह सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है। आयकरदाता, यानी इनकम टैक्स पेयर्स को इस बजट में काफी राहत दिए जाने की उम्मीद की जा रही है विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र सरकार आयकर में मानक कटौती या स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर सकती है। इससे आयकर दाताओं को बड़ी राहत मिल सकती है।
साथियों बात अगर हम बजट में विजन 2047 की रणनीति के रोडमैप की करें तो, माना जा रहा है कि वित्तमंत्री कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण, वाहन उद्योग, ग्रीन एनर्जी, रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों के लिए बजट बढ़ाया जा सकता है। सड़क, परिवहन और रेलवे को भी इस बजट में पिछले बजट के मुकाबले ज्यादा राशि दी जा सकती है। इसके अलावा आयकर में छूट, रसोई गैस पर सब्सिडी में वृद्धि, रोजगारों में इजाफा और किसानों को राहत दी जा सकती है। पीएम के नए कार्यकाल के इस बजट से लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं।खासकर मिडिल क्लास को टैक्स में छूट महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाएं, किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर देने की घोषणा हो सकती है। विशेषज्ञों का भी मानना है कि 23 जुलाई को कुछ बड़े ऐलान कर सकती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चर, ऑटो, ग्रीन एनर्जी, रियल एस्टेट और एग्रीकल्चर सेक्टर्स के लिए बड़ा बजट जारी किया जा सकता है। वहीं रेलवे और रोड एंड ट्रांसपोर्ट के लिए भी पिछले बजट की तुलना में ज्यादा राशी दिया जा सकता है।
(1) यह बजट मिडिल क्लास को टैक्स में छूट देने, महिला सशक्तिकरण, किसानों की आय बढ़ाने और रोजगार पर फोकस रह सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट।
(2) 50, 000 रुपए से बढ़ाकर 1,00,000 रुपए की जा सकती है।
(3) डिफेंस, रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भी कई घोषणाएं हो सकती हैं।
(4) स्टार्टअप पर लगने वाले एंजल टैक्स को कम करने पर विचार कर सकती है।
(5) इलेक्ट्रॉनिक्स सब-असेंबली और कंपोनेंट के लिए रू 40,000 करोड़ की पीएलआई स्कीम की संभावना है।
(6) इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड 2.0 में संशोधन लाया जा सकता है।
(7) आंध्रप्रदेश को 1 लाख करोड़ का स्पेशल पैकज मिल सकता है। इन टैक्सपेयर्स को भी मिल सकती है छूट पर्सनल टैक्सपेयर्स के लिए सबसे बड़ी चिंता उनसे मिलने वाले टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी रही है, जो वास्तव में हाल के वर्षों में कॉर्पोरेट इनकम से मिले होने वाले टैक्स कलेक्शन से अधिक हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 9.11 लाख करोड़ रुपये था, जबकि नेट पर्सनल टैक्स कलेक्शन 10.44 लाख करोड़ रुपये था। इसी तरह 2022-23 में, कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 8,25,834 करोड़ रुपये और पर्सनल टैक्स कलेक्शन 8,33,307 करोड़ रुपये था। ऐसे में उम्मीद है कि इसे लेकर भी छूट का ऐलान भी किया जा सकता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि पूर्ण बजट @23 जुलाई 2024- मध्यम वर्ग, पूंजीगत खर्च व विकसित भारत विजन 2047 की गूंज सुनाई देने की संभावना। पूर्ण बजट 23 जुलाई 2024 में मध्यमवर्ग व करदाताओं को नई व पुरानी दोनों टैक्स स्लैब की व्यवस्थाओं को बढ़ाकर सौगात देने की संभावना। मध्यम वर्ग ने 18वीं लोकसभा चुनाव मतदान में गूंज सुनाई- बात सबसे अधिक टैक्स देने वाले मध्यम वर्ग को सौगात देने महामंथन पर आई।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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