तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । बांग्लादेश की सांस्कृतिक प्रवृति वाले बहुत से लोग भारत खासकर पश्चिम बंगाल आए। फिर इसी बंगाल से बहुत से लोग बांग्लादेश चले गए। उनमें से कोई पढ़ने आता है, कोई कविता पढ़ने आता है, कोई शोध के लिए, कोई विभिन्न उत्सवों में शामिल होने आता है। दोनों देशों के लोग विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे हैं। इस तरह वे लंबे समय से अपने विचारों का आदान-प्रदान कर दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बार भारत बांग्लादेश संस्कृति परिषद का गठन दोनों देशों के सांस्कृतिक रूप से ऐसे ही लोगों के साथ किया गया।
हाल ही में पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर शहर में दोनों देशों के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में एक बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के प्रमुख लोक संस्कृति शोधकर्ता डॉ. मधुप दे ने की। उनकी अध्यक्षता में एक तदर्थ अंतर्राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया। बांग्लादेश के पटुआखाली साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार अमीनुल इस्लाम कार्यकारी अध्यक्ष बन गए हैं। वहीं भारत के शोधकर्ता और लेखक अतनु मित्रा और बांग्लादेश के शोधकर्ता मह अब्दुल्ला अल-हलाल संयुक्त सचिव तथा शिक्षक अमित कुमार साहू कोषाध्यक्ष बनाए गए।
इस अवसर पर पुरातत्वविद मोहम्मद यासीन पठान, प्राचार्य प्रसून कुमार पड़िया, प्रोफेसर डॉ. सुशांत दे, समाजसेवी शिक्षक सुदीप कुमार खांडा, चित्रकार शिक्षक नरसिंह दास, समाजसेवी शिक्षक मणिकंचन राय, समाजसेवी शिक्षक बिश्वजीत साव आदि उपस्थित थे। परिषद के पदाधिकारियों के मुताबिक इसका उद्देश्य मूल रूप से दोनों देशों के लेखकों, शोधार्थियों, कवियों, साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों और सांस्कृतिक सोच वाले लोगों के बीच स्वस्थ संस्कृति और विचारों के आदान-प्रदान से दोनों देशों के सांस्कृतिक सद्भाव को मजबूत करना है।