सैन फ्रांसिस्को (अमेरिका) : अमेरिका में कैलिफोर्निया के जंगल में लगी भीषण आग महज एक सप्ताह में लगभग दस लाख एकड़ तक फैल चुकी है और हजारों घरों को नष्ट कर चुकी है, जबकि दमकल कर्मी आग को रोकने के लिए लगातार जूझ रहे हैं। हालांकि इस सप्ताहांत मौसम बदलने के कारण आग के बहुत तेजी से फैलने और अन्य हिस्सों में नई आग लगने की आशंका जतायी गई है, जिसने राज्य के दमकल कर्मियों को चिंता में डाल दिया है।
इस आपात स्थिति से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को संघीय सहायता प्रदान करने के लिए एक बड़ी घोषणा की। राज्य के गनर्वर गेविन न्यूजॉम ने एक बयान में कहा कि यह घोषणा इस संकट के समय में आग से प्रभावित काउंटी के लोगों के आवास और अन्य सामाजिक सेवाएं मुहैया कराने में मदद करेगी।
बदलते मौसम के नई आग लगने की आशंका जताई गई है, जिसके चलते राज्य और स्थानीय अधिकारियों ने जोखिम वाले क्षेत्रों में निवासियों से किसी भी क्षण भागने के लिए तैयार रहने की चेतावनी जारी की है। राज्य के दमकल अधिकारियों ने बताया कि हल्की हवाओं, ठंडी और अधिक आर्द्र रात के मौसम से दमकल कर्मियों को मदद मिली, लेकिन गर्म, शुष्क मौसम, तेज हवा चलने और बिजली गिरने संबंधी पूर्वानुमान से उनके प्रयासों को नुकसान पहुंच सकता है।
‘नेशनल वेदर सर्विस’ ने रविवार सुबह से लेकर सोमवार दोपहर तक खाड़ी क्षेत्र और सेंट्रल कोस्ट के पास और भयंकर आग लगने के खतरे की चेतावनी जारी की है। सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में दो हिस्सों में लगी इस भीषण आग ने आकार के आधार पर हाल के राज्य के इतिहास में दूसरे और तीसरे सबसे बड़ी वनाग्नि के पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।
राज्य के अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि 15 अगस्त के बाद से, राज्य भर में 12,000 से अधिक बिजली गिरने की घटनाएं हुई हैं, जिससे जंगलों में 500 से अधिक जगहों पर आग लग गई। इनमें से, लगभग दो दर्जन आग राज्य के काफी संसाधनों को नष्ट कर रही है। सैन फ्रांसिस्को के खाड़ी क्षेत्र में और उसके आसपास के जंगलों और ग्रामीण इलाकों को आग ने भारी तबाही मचायी है। आग अब तक 1,120 वर्ग मील (2,900 वर्ग किलोमीटर) क्षेत्र को चपेट में ले चुका है।
आग से कैलिफोर्निया के सबसे पुराने राज्य पार्क, बिग बेसिन रेडवुड्स बर्बाद हो चुका है। आग ने अब तक कुल पांच लोगों की जान ली है, लगभग 700 घरों और अन्य संरचनाओं को जला चुका है। आग की वजह से हजारों लोगों को अपने घरों से निकलने पर मजबूर होना पड़ा है।