कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय के सदस्यों द्वारा तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के विरोध प्रदर्शन के संबंध में केंद्रीय सशस्त्र बल के कुछ कर्मियों के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की। विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को घटनास्थल पर पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री और बनगांव से भाजपा के लोकसभा सदस्य शांतनु ठाकुर को सुरक्षा प्रदान करने वाले कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्राथमिकी में केंद्रीय बलों पर पुलिसकर्मियों को उनकी ड्यूटी करने से रोकने और एक आरोपी को पुलिस के चंगुल से छुड़ाने का आरोप लगाया गया है। रविवार दोपहर बनर्जी के मतुआ आध्यात्मिक नेता स्वर्गीय बीनापानी देवी, या बोरो मां के मंदिर पहुंचने के बाद, समुदाय के कई लोगों ने उन्हें काले झंडे दिखाना शुरू कर दिया और नारेबाजी करते हुए दावा किया कि उन्हें धर्मस्थल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
ठाकुर के मौके पर पहुंचने और केंद्रीय बलों की मदद से मंदिर के गेट को अंदर से बंद करने के बाद स्थिति गंभीर हो गई। पुलिस के केस दर्ज करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में पुलिस प्रशासन और तृणमूल कांग्रेस पर्यायवाची बन गए हैं। वहीं पुलिस ने नामांकन के समय अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को रिहा कर दिया।