काली दास पाण्डेय, मुंबई। नक्सल समस्या पर आधारित फिल्म ‘लाल पहाड़- बोस द मिसिंग फाइल’ अब बहुत जल्द ही सिनेदर्शकों तक पहुँचने वाली है। इस फिल्म का प्रोमो का प्रदर्शन गोवा में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में किया जा चुका है। भारत की यह पहली फिल्म है जिसमें स्वतंत्र इंडियन नेशनल आर्मी के प्रयासों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में किस तरह से स्वतंत्र राष्ट्र के निर्माण में सहयोग किया बल्कि ‘लाल पहाड़- बोस द मिसिंग फाइल्स’ में यह भी दिखाया गया है कि पिछले 70 सालों से मिसिंग इन फाइल्स में किन लोगों ने इंडियन नेशनल आर्मी के प्रयासों को दबाने की कोशिश की।
फिल्म चंपक बनर्जी के साथ अर्पणा गिरी, कामना सिंह, सुनीता वरे, करिश्मा और अनुराग समेत करीब 50 कलाकारों ने अभिनय किया है। फिल्म की मूल कहानी नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने की है। बॉलीवुड के चर्चित निर्देशक चंपक बनर्जी के निर्देशन में बनी इस फिल्म की शूटिंग एशिया के सेकंड लार्जेस्ट फॉरेस्ट बेल्ट छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़, बस्तर, गढ़चिरौली, दंतेवाड़ा, झारखंड, आंध्र प्रदेश के साथ ही कुछ अन्य रिजर्व फॉरेस्ट बेल्ट में की गई है।
बकौल निर्देशक चंपक बनर्जी ‘लालपहाड़- बोस द मिसिंग फाइल’ नक्सल समस्या पर आधारित एक संवेदनशील फिल्म है। इसमें भारतवर्ष के 5 राज्यों में फैले नक्सल समस्या के समाधान के लिए प्रशासनिक स्तर से जनहित में किये जा रहे प्रयासों को भी दिखाया गया है।