कीव। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आगाह किया है कि रूस आने वाले दिनों में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। दुनियाभर के नेता इस संघर्ष का समाधान निकालने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन पूर्व और पश्चिम के बीच संदेह बढ़ता जा रहा है। नाटो सहयोगी देशों ने रूस के इस दावे को खारिज कर दिया है कि वह सीमा से सैनिकों को हटा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि रूस ने यूक्रेन से लगती सीमा पर करीब 1,50,000 सैनिकों को एकत्रित किया है। पश्चिमी देशों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ गयी है कि रूस इन सैनिकों के साथ आखिर कर क्या रहा है। ऐसा अनुमान है कि रूस के कुल जमीनी सैनिकों के 60 प्रतिशत सैनिक यूक्रेन सीमा पर जुटे हैं।
क्रेमलिन का कहना है कि उसकी हमला करने की कोई योजना नहीं है लेकिन वह लंबे समय से यूक्रेन को अपना हिस्सा मानता रहा है और नाटो के विस्तार को अपने लिए खतरा मानता है। इन सब के बीच अमेरिकी सरकार ने अब तक की सबसे सख्त चेतावनी जारी की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के एक निष्कर्ष की जानकारी दी, जिस पर अमेरिका और ब्रिटेन ने उम्मीद जतायी कि वे आक्रमण की किसी भी कोशिश का खुलासा करेंगे। अमेरिका ने हालांकि अपने दावों के समर्थन में ज्यादा जानकारियां देने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने राजनयिकों से कहा कि आक्रमण को सही ठहराने के लिए रूस हिंसक घटना को अचानक अंजाम देता प्रतीत होता है। ब्लिंकन ने रूस के भीतर ‘‘तथाकथित आतंकवादी बमबारी’’, ड्रोन हमले और ‘‘रासायनिक हथियारों से फर्जी या असली हमले’’ का जिक्र किया। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मिसाइल और बम हमलों के साथ साइबर हमलों से आक्रमण की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि रूस यूक्रेन के ‘‘कुछ समूहों’’ को भी निशाना बनाएगा।
ब्लिंकन ने सुरक्षा परिषद के सदस्यों से कहा कि वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं,‘‘ मैं यहां आज युद्ध शुरू करने नहीं बल्कि उसे रोकने आया हूं।’’रूसी खतरे पर बाइडन की टिप्पणियां बेहद गंभीर है। व्हाइट हाउस में उन्होंने कहा कि वाशिंगटन को रूसी सेना की वापसी का कोई संकेत नहीं दिखा और उन्होंने कहा कि हमले का खतरा अब भी ‘‘बहुत ज्यादा’’ बना हुआ है क्योंकि रूस ने सैनिकों को वापस बुलाने के बजाय उन्हें यूक्रेन की सीमा की ओर भेजा है।