परिवारिक राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए खतरा : मोदी28

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवार आधारित राजनीतिक दलों को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त घोषित लोगों का महिमामंडन युवाओं को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाता है। मोदी ने यहां संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में सविधान दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर हिस्से में परिवार आधारित राजनीतिक दलों का वर्चस्व बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इसके लिए देशवासियों को जागरूक करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक ही परिवार के कई सदस्यों के राजनीति में आने के खिलाफ नहीं है लेकिन यह योग्यता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह परिवार आधारित राजनीतिक दल अपना लोकतांत्रिक चरित्र खो चुके हैं, तो इनसे लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की रक्षा करने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। परिवार आधारित राजनीतिक दल पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं और यह लोकतंत्र की रक्षा नहीं कर सकते। ऐसे राजनीतिक दल लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा खतरा है । उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक दल बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

मतभेदों को भुला कर राष्ट्रहित तथा जनसेवा के उद्देश्य को पूरा करें जनप्रतिनिधि: कोविंद

संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान दिवस के मौके पर सभी जनप्रतिनिधियों से मतभेदों को पीछे छोड़ते हुए राष्ट्रहित तथा जनसेवा के वास्तविक उद्देश्य के प्रति कार्य करने का आह्वान किया। कोविंद ने संविधान की 72 वीं वर्षगांठ के मौके पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित संविधान दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ग्राम-सभा, विधान-सभा और संसद के निर्वाचित प्रतिनिधियों की केवल एक ही प्राथमिकता होनी चाहिए। वह प्राथमिकता है – अपने क्षेत्र के सभी लोगों के कल्याण के लिए और राष्ट्र-हित में कार्य करना है।  विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कोई भी मतभेद इतना बड़ा नहीं होना चाहिए कि वह जन सेवा के वास्तविक उद्देश्य में बाधा बने।

सत्ता-पक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों में प्रतिस्पर्धा होना स्वाभाविक है , लेकिन यह प्रतिस्पर्धा बेहतर प्रतिनिधि बनने और जन-कल्याण के लिए बेहतर काम करने की होनी चाहिए। तभी इसे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा माना जाएगा। संसद में प्रतिस्पर्धा को प्रतिद्वंद्विता नहीं समझा जाना चाहिए।” इस मौके पर उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, केन्द्रीय मंत्री , सांसद तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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