Kolkata Desk : कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताते हुए पूछा की क्या प्रशासन को नहीं पता था देवांजन ज्वाइंट कमिश्नर नहीं है? गाड़ीयों पर नीली बत्ती का अंधाधुंध प्रयोग कैसे हो रहा है, इस पर भी राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई है।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नकली वैक्सीन घोटाले और राज्य में गाड़ियों पर नीली बत्ती के अंधाधुंध उपयोग पर नाराजगी व्यक्त की है। कोर्ट का सवाल था, क्या प्रशासन को नहीं पता था कि देवांजन ज्वाइंट कमिश्नर नहीं हैं?
कस्बा में नकली वैक्सीन को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। उसी मामले की सुनवाई में आज प्रधान न्यायाधीश की खंडपीठ में सरकारी वकील अनिर्बान रॉय ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक फर्जी वैक्सीन मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया है।
सरकार की ओर से यह सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा, एक बात देखी जा रही है कि राज्य में नीली बत्ती का अंधाधुंध उपयोग हो रहा है। क्या कभी किसी ने सोचा है कि एक आईएएस अधिकारी नीली बत्ती वाले वाहन का उपयोग कैसे कर सकता है? देवांजन देव ने राज्य के कई नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाई है, न तो पुलिस और न ही केएमसी अधिकारियों ने खबर लिया।
सरकारी वकील ने कहा कि देवांजन एक ठग है। उसने अवसर देख कर उनके साथ तस्वीरों को लिया। उसने फिर वही तस्वीर दिखाकर कई लोगों को ठगा है। उस सवाल को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि एक व्यक्ति खुद को ज्वाइंट कमिश्नर बताने वाला शख्स नेताओं के साथ तस्वीरें ले रहा है, क्या प्रशासन देख नहीं पाया! ये जिम्मेदारी उन पर नहीं है!
उस सवाल का जवाब सुनने के बाद राज्य सरकार से यह बताने को कहा गया कि किस तरह से नीली बत्ती का अंधाधुंध इस्तेमाल किया जा रहा है इसकी रिपोर्ट देनी होगी। साथ ही यह भी बताना जरूरी है कि देवांजन मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है। राज्य सरकार शुक्रवार को रिपोर्ट देगी।