सड़कों और नदियों पर फैक्ट्रियों का कब्जा!, ग्रामीणों ने किया विरोध

  • फैक्ट्री अधिकारियों ने आरोपों से किया इंकार

कोलकाता : जमुरिया थाना अंतर्गत बहादुरपुर ग्राम पंचायत के धसल गांव में सरकारी सड़क व छोटी नदी (जोर) पर कथित अतिक्रमण को लेकर स्थानीय लोग काफी नाराज हैं। उनकी शिकायत है कि खेती योग्य जमीन में पानी जमा हो जाने के कारण पिछले दो वर्षों से खेती करना संभव नहीं हो पा रहा है।

इसके विरोध में स्थानीय लोगों ने स्थानीय एक कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई। स्थानीय निवासी महेश ओझा ने बताया कि कुछ साल पहले स्पिनटेक ट्यूब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों ने गांव के लोगों से जमीन की मांग की थी।

उन्होंने वादा किया था कि गांव का विकास होगा और गांव के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा कंपनी ने धसाल मौजा में दो पंजीकृत सड़कों को पूरी तरह से बंद कर दिया है, जिनमें से एक नक्शा संख्या 56 पर है और दूसरा नक्शा संख्या 2 और 3 पर है।

इसके कारण आसपास के गांवों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। इसके अलावा, गांव के उत्तर-पश्चिम की ओर स्थित छोटी नदी “जोर”, जो धसल, बहादुरपुर, विजय नगर और धसना मौजा के बारिश के पानी को सिंगारन नदी तक पहुंचाती थी, वह भी पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है। इस भूमि पर खेती करना संभव नहीं है, किसान अत्यधिक संकट में हैं।

कार्यकर्ता आनंद माझी, सुनील हांसदा और मनबोध रुई ने कहा कि कंपनी ने गांव में आदिवासी समुदाय के श्मशान घाट पर भी कब्जा कर लिया है, कंपनी ने श्मशान के ऊपर सड़क बना दी है, जिसके कारण आदिवासी लोग अब अपने मृतकों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं।

स्थानीय लोगों की यह भी शिकायत है कि कंपनी ने वादे के मुताबिक गांव के बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं दी है। इसके बजाय, उन्होंने लगभग 700 बाहरी श्रमिकों को काम पर रखा है, जब भी गांव के बेरोजगार युवा नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो उनसे बाहरी राज्यों के आधार कार्ड मांगे जाते हैं, जिससे वे पूरी तरह से वंचित हो जाते हैं।

ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन के विभिन्न स्तरों जैसे बहादुरपुर ग्राम पंचायत प्रधान, बीडीओ, भूमि विभाग, जमुरिया पुलिस स्टेशन, एडीएम (एलआर), और आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय में शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे गांव में आक्रोश व्याप्त है।

ग्रामीणों की शिकायत है कि कंपनी ने बिना सरकारी अनुमति के सैकड़ों बीघे सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। जमुरिया भूमि विभाग के राजस्व अधिकारी परितोष मंडल ने कहा कि किसी भी हालत में कंपनी के अंदर से नदी पर कब्जा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।

इस बीच जमुरिया विकास अधिकारी (बीडीओ) अरुणालोक घोष ने कहा कि उन्हें इस संबंध में शिकायत मिली है और मामला उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा, नदी अतिक्रमण की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

स्पिनटेक ट्यूब प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी हेमंत सिंह ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने किसी भी सरकारी जमीन या नदी पर अवैध कब्जा नहीं किया है। उन्होंने कहा, इसकी सीमा में गांव की कोई जमीन नहीं है।

वहीं, स्थानीय लोगों के विरोध के कारण स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई और स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल तैनात किया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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