मनुष्य के जीवन की बहुत बड़ी ताकत अनुभव
अनुभव ऐसी कीमती वस्तु हैं जो, जितना अधिक पास होगा, उतना ही वो ख़ास होगा-एड. के.एस. भावनानी
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। मानवीय जीवन में प्रत्येक मनुष्य में अनुभव की ऐसी अनेक विशेषताएं पाई जाती है जिसके बल पर समाज राष्ट्र में उनका आंकलन सकारात्मक और नकारात्मक रूप से किया जाता है। मसलन, कोई मनुष्य इमानदार, महत्वकांक्षी, परोपकारी सेवाभावी अनुभवी इत्यादि सैकड़ों सकारात्मक विशेषताएं हो सकती है और अपराधी, गुस्सैल, चिड़चिड़ा, बेईमान, चोर उचक्का, लफंगा इत्यादि सैकड़ों नकारात्मक विशेषताएं हो सकती है जिसके आधार पर समाज और राष्ट्र में उन व्यक्तियों के चरित्र का आंकलन कर उसे आगे बढ़ाया जाता है उसके आधार पर उसके भविष्य की सफलता, असफलता निश्चित होने में सहायक होती हैं। आज के आलेख में हम इस एक बहुत बड़ी मानुषी ताकत अनुभव पर चर्चा करेंगे।
साथियों बात अगर हम सीनियर्स का अनुभव प्लस युवा कार्यबल इक्वल टू विजन 2047 की करें तो दोनों के गठजोड़ से 2047 में भारत एक ऐसा देश होगा जो जीवन के हर पहलू में समृद्ध होगा। इसने खुद को वैश्विक नेता के रूप में बदलने के लिए प्रौद्योगिकी, नवाचार और शिक्षा की शक्ति का सफलता पूर्वक उपयोग किया होगा। सरकार अपने नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने में सक्रिय होगी और ऐसी नीतियों को लागू करेगी जो आबादी की समग्र भलाई सुनिश्चित करती हैं। 2047 में भारत की सबसे खास विशेषताओं में से एक बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास होगा। देश में सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों का एक अच्छा जुड़ा हुआ नेटवर्क होगा, जिससे लोगों के लिए देश-विदेश में यात्रा करना आसान हो जाएगा। सरकार ने स्मार्ट शहरों के विकास में भी भारी निवेश किया होगा, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। इन शहरों को ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा, जिससे वे रहने और काम करने के लिए आदर्श स्थान बनेंगे। 2047 में भारत की सबसे खास विशेषताओं में से एक बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास होगा।
देश में सड़कों, रेलवे और हवाई अड्डों का एक अच्छा जुड़ा हुआ नेटवर्क होगा, जिससे लोगों के लिए देश-विदेश में यात्रा करना आसान हो जाएगा। सरकार ने स्मार्ट शहरों के विकास में भी भारी निवेश किया होगा, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे। इन शहरों को ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा, जिससे वे रहने और काम करने के लिए आदर्श स्थान बनेंगे। अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में, 2047 में भारत वैश्विक समुदाय का एक सम्मानित सदस्य होगा। देश के कई देशों के साथ मजबूत राजनयिक संबंध होंगे और वह क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में एक प्रमुख खिलाड़ी होगा। इसने जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों को संबोधित करने और उनसे निपटने में भी अग्रणी भूमिका निभाई होगी। यह इन दबावपूर्ण मुद्दों का समाधान खोजने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा। 2047 में भारत एक ऐसा देश होगा जो संभावनाओं से भरा होगा और 21वीं सदी में वैश्विक नेता बनने की क्षमता रखेगा। यह एक ऐसा राष्ट्र होगा जिसने अपने विकास और वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी, नवाचार और शिक्षा को अपनाया है और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अच्छी स्थिति में होगा।
साथियों बात अगर हम अनुभव, जिंदगी से कमाया हुआ फल की करे तो, अनुभव का विशेष स्थान है। यह अनुभव सामान्य हों या महत्वपूर्ण सभी इंसानों के जीवन में महत्व रखता है। इनसे हानि का कोई आधार नहीं होता। बल्कि इनसे तो जीवन निखरता है। यदि हम वास्तविकता में अपना मूल्य बढ़ाना चाहते है और अपने जीवन की सफलता सुनिश्चित करना चाहते है, तो अपने अनुभवों से सीख लेना अभी से शुरू कर दें। क्योंकि हमारे अनुभव हमारी जिंदगी से कमाया हुआ वह फल है, जो हमको हर समय काम आयेगा। हमारे अनुभव हमारी ऐसी कीमती वस्तु हैं जो, जितना अधिक पास होगा, उतना ही वो खास होगा और हम सारे जहा में बांट सकेंगें, फिर भी वो खत्म नहीं होगी। जब भी किसी इंसान के जीवन में कोई मुश्किल परिस्थितियां आती है तब वो इंसान उन परिस्थियों का सामना अपने पूर्व अनुभव के आधार पर करेगा इसी प्रकार ज्ञान प्राप्ति का एक प्रमुख मार्ग अनुभव होता है और अनुभव से हम अपना जीवन सफल बना सकते है।
साथियों बात अगर हम अनुभव जिंदगी का एक शिक्षक होने की करें तो अनुभव ही हमारा सबसे बड़ा शिक्षक होता है क्योकि जो ज्ञान हमें अनुभव से मिलता है वो और कही पर नहीं मिलता ज्ञान तो हमें किसी के पास भी मिल सकता है। लेकिन अनुभव सिर्फ ख़ुद से ही मिलता है और एक बात अनुभव किसी बाजार में नहीं मिलता वो तो बस हमारी परिस्थियों से हमें मिलता है हमारे कार्य से मिलता है। जब भी हम कोई कार्य करते है तो वो कार्य सफल भी हो सकता है और असफल भी हो सकता है। अगर मान लीजिये की हम उस काम को करने में असफल रहे तो हमको एक नया अनुभव सीखने को मिलेगा कि काम को इस तरीके से करने से इस काम में असफलता मिलती है और दूसरी बार हम उस काम को अलग तरीके से करते है और हमको सफलता मिलता है तो भी हमको उस काम को सही तरीके से करने का अनुभव प्राप्त होता है। यानें कि अनुभव हमें हमारी भूलो से प्राप्त होता है। आज हर एक इंसान जन्म से लेकर मौत तक तरह-तरह का अनुभव लेता है याने कि इंसान के जीवन की शरुआत अनुभव से होती है हर एक इंसान के पास कुछ ना कुछ अनुभव होता है फिर वो किसी भी चीज का हो सकता है लेकिन अनुभव होता है। कोई इंसान हमको कुछ सलाह देता है वो उनके अनुभव के आधार पर हमको सलाह देता है क्योकि हम भी वो गलती न करे जो उसने की है। वो अनुभव से कह सकता है। इंसान कई बार जाने अनजाने ऐसी गलतिया करता है जिसका बहुत बुरा परिणाम हमें मिलता है लेकिन वही गलतियां हमारे जीवन को मधुर बनाने का आधार बनती है। इसलिए ऐसा कहा गया की गलती करना कोई मूर्खता नहीं है लेकिन अपनी गलती फिर से दोहराना मूर्खता है या फिर गलती से कुछ न सीखना मूर्खता है। इसलिए हम अपनी गलती से भी कुछ सीखे कुछ अनुभव ले ताकि वो गलती दूसरी बिलकुल बार न हो।
साथियों बात अगर हम अनुभव की करें तो यह किसी समाज, शिक्षण संस्था या बाजारों में मिलने या सीखने वाला गुण नहीं है बल्कि हर व्यक्ति का उसके जीवन यात्रा याने उम्र के बढ़ते चरण में आई परिस्थितियों में ढलकर, बहुमूल्य सीख के रूप में प्राप्त होता है यह जीवन की कमाई और अनमोल खजाने में से एक है क्योंकि यह हर व्यक्ति के पास होता है चाहे वह अमीर हो या गरीब, पढ़ा लिखा हो या अनपढ़, बस जरूरत है अपने इस अनुभव के गुणों को पहचानने की।
साथियों बात अगर हम अनुभव पर बड़े बुजुर्गों की कहावतों की करें तो हमने सुने होंगे, यह बाल कोई धूप में सफेद नहीं किया, बड़ा तजुर्बेकार है, तजुर्बे का धनी है, अनपढ़ है पर तजुर्बेकार है, कितने साल का तजुर्बा है, अनुभव का तकाज़ा है, अनुमान गलत हो सकता है पर अनुभव नहीं, अनुभव का बादशाह है इत्यादि-इत्यादि।
साथियों बात अगर हम अनुभव की महत्वता की करें तो अनुभव मानवीय जीवन से जुड़ा एक अनमोल खजाना है इसी के बल पर मनुष्य बड़ी शोहरत प्राप्त करता है। शासकीय, प्रशासकीय, निजी, बहुत बड़े-बड़े पदों पर नीतियां, रणनीतियां बनाने अनुभव के आधार पर ही प्रमोशन, नियुक्तियां होती है। केंद्र या राज्य सरकारों में मंत्रियों की नियुक्ति का एक महत्वपूर्ण आधार अनुभव भी होता है जिसका लाभ सिस्टम और जनता तक पहुंचाने के लिए उस प्रॉपर व्यक्ति की नियुक्ति उस मंत्रालय के हेड के रूप में की जाती है, यानि हम कह सकते हैं कि अनुभव एक ऐसी चाबी है जिससे अति पुरानें और बिगड़े ताले को खोलने याने समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होता है जो बहुमूल्य अस्त्र का काम करता हैं। अनुभव पाने के लिए इंसान गलती कर सकता है लेकिन अनुभव पाने के बाद इंसान गलती कभी नहीं करता एक शिक्षक हमें पहले पढ़ाते है उसके बाद हमारी परीक्षा लेते है जबकि अनुभव पहले हमारी परीक्षा लेता है उसके बाद हमें सिखाता है।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा एक संबोधन की करें, तो पीआईबी के अनुसार अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि, एकेडमिक ज्ञान की कभी-कभी बहुत सीमाएं होती हैं, वो सेमिनार में काम आता है लेकिन अनुभव से जो प्राप्त हुआ होता है उसमें समस्याओं के समाधान के लिए सरल उपाय होते हैं। उसमें नयापन के लिए अनुभव का मिश्रण होने के कारण गलतियां कम से कम होती हैं। और इस अर्थ में अनुभव का अपना एक बहुत बड़ा महत्व होता है। और जब ऐसे अनुभवी साथी सदन से जाते हैं तो बहुत बड़ी कमी सदन को होती है, राष्ट्र को होती है। आने वाली पीढ़ियों के लिए जो निर्णय होने वाले हैं, उसमें कुछ कमी रह जाती है। और इसलिए जब अनुभवी लोग जाते हैं उनके लिए यहां बहुत कहा जाएगा। लेकिन जब अनुभवी यहां नहीं है, तब जो हैं उनकी जिम्मेदारी जरा और बढ़ जाती है। वो जो अनुभव की गाथाएं यहां छोड़कर गए हैं, जो बाकी यहां रहने वाले हैं उनको उसको आगे बढ़ाना होता है और जब वो आगे बढ़ाते हैं तो सदन की ताकत को कभी कमी महसूस नहीं होती है और मुझे विश्वास है कि आप जो साथी आज विदाई लेने वाले हैं उनसे हम जो सभी सीखे हैं, आज हम भी संकल्प करें उसमें से भी उत्तम है, जो श्रेष्ठ है उसको हम आगे बढ़ाने में इस सदन की पवित्र जगह का जरूर हम उपयोग करेंगे और ताकि देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा। पीएम ने कहा कि कुछ सदस्य सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हों लेकिन वे अपने समृद्ध अनुभव को अपने साथ देश के कोने-कोने तक ले जाएंगे।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सीनियर्स का अनुभव प्लस युवा कार्यबल इक्वल टू विजन 2047 मनुष्य के जीवन की बहुत बड़ी ताकत अनुभव ही है। अनुभव ऐसी कीमती वस्तु हैं जो, जितना अधिक पास होगा, उतना ही वो ख़ास होगा।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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