नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि उसने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित संलिप्तता को लेकर जांच पूरी कर ली है। ईडी ने इस मामले के संबंध में दाखिल अपने चौथे पूरक आरोपपत्र में भी इस तथ्य का उल्लेख किया है। कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है। ईडी ने दावा किया है कि उसके पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे
उन्होंने कथित तौर पर विभिन्न माध्यमों से 622 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि सिसोदिया ने कानूनी पहलू बनाया और जांच को पटरी से उतारने की कोशिश की। इसके अतिरिक्त, ईडी ने सिसोदिया पर भारत के दो पूर्व मुख्य न्यायाधीश और एक अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की कानूनी राय से संबंधित एक महत्वपूर्ण फाइल को नष्ट करने का आरोप लगाया है।
सिसोदिया की जमानत याचिका हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी। ईडी का मामला सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। ईडी ने मामले में एक मुख्य चार्जशीट और चार सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की हैं। सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 9 मार्च को गिरफ्तार किया था।