डॉ. भवतोष शर्मा, देहरादून । पर्यावरण गतिविधि देहरादून द्वारा आज दिनांक 22 अप्रैल 2022 को विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मांडूवाला, देहरादून में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विद्यालय के शिक्षक राजेश शर्मा ने सभी अतिथियों का परिचय कराया। कार्यक्रम के प्रारंभ में पर्यावरण गतिविधि महानगर उत्तर के संयोजक डॉ. भवतोष शर्मा ने अपने संबोधन में प्रथ्वी के संरक्षण हेतु कार्य करने का आवाहन करते हुए कहा कि यदि हम प्रथ्वी का संरक्षण करेंगे तभी मानव एवम् अन्य जीवों का अस्तित्व रहेगा।
उन्होंने कहा कि इस बार प्रथ्वी दिवस “इन्वेस्ट इन अवर प्लैनेट” थीम के साथ मनाया जा रहा है। सभी को अपनी धरती की रक्षा का संकल्प लेते हुए पर्यावरणीय कार्यों के लिए श्रम साधना भी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी को जल संरक्षण करना चाहिए तथा मितव्यता पूर्वक प्रयोग करना चाहिए। पौधे लगाने के साथ-साथ उनकी रक्षा करनी है। सभी को इस दिशा में विशेष चिंतन तथा गंभीरता पूर्वक कार्य करना होगा। जल प्रदूषण एवम् वायु प्रदूषण रोकना होगा।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व पीसीसीएफ उत्तराखंड एवम् पर्यावरण गतिविधि के प्रांत संयोजक डॉ. आर बी एस रावत ने अपने संबोधन में विश्व प्रथ्वी दिवस को मनाए जाने के सम्पूर्ण इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक वर्ष यह दिवस मनाया जाता है जो हमें पर्यावरण बचाने के प्रति हमारे कर्तव्यों को याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को पानी, पेड़ और पॉलीथीन (तीन पी) विषयों पर कार्य करना है। पानी बचाना है, पेड़ लगाना है और पॉलीथीन का प्रयोग रोकना है। उन्होंने पॉलीथीन का प्रयोग करके इको ब्रिक बनाने तथा उनका विभिन्न कार्यों जैसे बाउंड्री बाल, बेंच, ट्री गार्ड आदि में प्रयोग बताया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण करना आज बहुत जरूरी है। सभी को अपने अपने क्षेत्रों में पर्यावरण रक्षण का संकल्प लेना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश मैन्दोला ने कहा कि आज का दिन विशेष है। पर्यावरण एवं प्रथ्वी की हम सभी को रक्षा करनी चाहिए। उन्होंने विद्यालय में बनाए गए 1 लाख लीटर क्षमता वाले रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट का भ्रमण भी कराया। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के शिक्षक राजेश शर्मा ने किया। कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं एवम् विद्यार्थियों सहित कुल 260 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम के अंत में नीम तथा हरश्रंगार के पौधे रोपे गए।