कोलकाता। अदालत के बार-बार आदेश के बावजूद महंगाई भत्ता (डीए) नहीं दिए जाने के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। संग्रामी संयुक्त मंच के बैनर तले लगभग सभी विभागों के कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं, जिसकी वजह से राज्य के सरकारी दफ्तरों में कामकाज लगभग ठप है। 24 घंटे की इस हड़ताल का समर्थन सरकारी कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन राज्य समन्वय समिति ने भी किया है।
प्रदेश के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी को पत्र लिखकर कार्य विराम की सूचना दे दी गई है। संगठन ने मांग की है कि साल 2009 से अब तक महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाना चाहिए। इसके साथ ही राज्य में रिक्त पड़े सरकारी पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्ति और कर्मचारियों पर कार्य का बोझ कम करने की मांग की गई है। सोमवार को धर्मतल्ला में मंच बनाकर सरकारी कर्मचारियों ने अनशन शुरू किया है।
इस संबंध में भाजपा के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को ममता राज में सबसे अधिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अदालत ने जब आदेश दिया है तो निश्चित तौर पर सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाना चाहिए। हड़ताल पर बैठे एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि डीए नहीं मिलने पर आंदोलन और बड़ा होगा। इधर, कर्मचारियों की हड़ताल से राज्य सचिवालय के अलावा अन्य सरकारी दफ्तरों में कामकाज लगभग शून्य है।