उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं देव चेतना परिषद के तत्वावधान में आयोजित आभासी संगोष्ठी विषय : “लोक देवता श्री देवनारायण जी प्रकृति, पशुओं एवं संस्कृति के पोषक देवता के सन्दर्भ में मुख्य वक्ता डॉ. देवनारायण गुर्जर ने मंतव्य देते हुए कहा कि, लोक देवता देवनारायण जी ने अन्याय और अत्याचार को मिटाने का काम किया। विशेष अतिथि, डॉ. हरि सिंह पाल, महामंत्री नागरी लिपि परिषद् , दिल्ली, ने कहा – लोक देवता देवनारायण जी ने पशुधन की रक्षा करने का संदेश दिया और कहा कि इनके उपदेशों का प्रचार प्रसार होना चाहिए।
अध्यक्षीय भाषण में कालूलाल गुर्जर पूर्व कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार ने कहा कि लोक देवता देवनारायण जी प्रकृति के संरक्षक थे। देवनारायण जी ने संप्रदाय और जात-पात की भावना का त्याग करके समाज का कल्याण किया। इनकी गाथा को अनेक भाषाओं में होना चाहिए। प्रस्तावना में मोहन लाल वर्मा ने कहा – हर धर्म के लोग देवनारायण जी को मानते हैं। इन्हें सूर्य का अवतार भी मानते हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, मुख्य महासचिव महिला इकाई, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. रश्मि चौबे द्वारा सरस्वती वंदना से हुई। स्वागत भाषण डॉ. शिवा लोहारिया उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष महिला इकाई, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया और आभार व्यक्त देव चेतना परिषद के अध्यक्ष डॉ. प्रभु चौधरी, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, मुख्य महासचिव, उज्जैन ने माना कार्यक्रम में अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।