कोलकाता : बंगाल और असम के लगभग 70 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और कार्यो से संतुष्ट हैं। आईएएनएस सी-वोटर की ओर से किए गए एक सर्वेक्षण में यह जानकारी मिली है। सर्वेक्षण तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के चुनावों को देखते हुए किया गया है, जहां मार्च-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई है कि तमिलनाडु और पुडुचेरी में लगभग 40 प्रतिशत लोग मोदी के विकास कार्यों से पूरी तरह से असंतुष्ट हैं।
वहीं केरल में लगभग 36.96 प्रतिशत लोग प्रधानमंत्री की नीतियों और कार्यों से पूरी तरह से नाखुश हैं।सर्वेक्षण में सामने आए नतीजों से पता चला कि असम में लगभग 41.23 प्रतिशत लोग मोदी और उनकी नीतियों से बहुत संतुष्ट हैं और 31.48 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं। केरल में 29.18 प्रतिशत लोग बहुत संतुष्ट हैं और 33.19 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
वहीं तमिलनाडु में केवल 13.09 प्रतिशत लोग बहुत संतुष्ट दिखे, जबकि 33.18 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं। पश्चिम बंगाल में 40.13 प्रतिशत लोग मोदी की नीतियों और कार्यों से बहुत संतुष्ट हैं और 29.94 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं। पुडुचेरी में 36.54 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं और 19.56 प्रतिशत लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं।
तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के चुनाव मार्च-मई में निर्धारित हैं। चुनाव आयोग ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा कर दी है। मतदान 27 मार्च से शुरू होगा और मतों की गिनती 2 मई को होगी।
बंगाल में विधानसभा चुनाव 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को आठ चरणों में होंगे। केरल और पुडुचेरी में 6 अप्रैल एक ही चरण में मतदान होगा।तमिलनाडु में चुनाव 6 अप्रैल को एक ही चरण में होंगे। असम में लोग 27 मार्च, 1 अप्रैल और 6 अप्रैल को तीन चरणों में मतदान करेंगे। सभी राज्यों के वोटों की गिनती 2 मई को होगी।
इस सर्वेक्षण के लिए असम की 126 सीटों से आने वाले कुल 4,776 लोगों से बातचीत की गई। इसके अलावा केरल की 140 सीटों से 8,796 लोग, पुडुचेरी की 30 सीटों से 1,647 लोग, तमिलनाडु की 234 सीटों में से 16,457 लोग और पश्चिम बंगाल की 294 सीटों से आने वाले 38,932 लोगों ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया