Eid was not celebrated in the village where the train accident took place

जहां हुई थी ट्रेन दुर्घटना वहां गांव में नहीं मनी ईद

  • सारे लोग राहत व बचाव अभियान में जुटे

कोलकाता। सियालदह आ रही कंचनजंघा एक्सप्रेस फांसीदेवा के जिस इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस गांव में कल ईद उल अजहा नहीं मनी। इसकी वजह है कि दुर्घटना के बाद गांव के लोग घायलों को बचाने में जुट गए। सोमवार को फांसीदेवा में रंगापानी के पास जलास ग्राम पंचायत में छोटा निर्मल जोटा के कई निवासियों ने अपने घर पर खाना भी नहीं बनाया और दिनभर दुर्घटनाग्रस्त लोगों की मदद में जुटे रहे।

सुबह करीब साढ़े नौ बजे दुर्घटना के बाद लोगों ने देखा कि कंचनजंघा एक्सप्रेस का एक डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गया है। यात्रियों की चीख-पुकार आसपास के इलाकों तक सुनाई दे रही थी। सबसे पहले स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य शुरू किया। ग्रामीण घर से पानी, चादर लेकर पहुंच गए थे।

रेलवे से खबर भेजे जाने के बाद एनडीआरएफ के जवानों को मौके पर पहुंचने में एक घंटे से ज्यादा का समय लग गया। रेल दुर्घटना की खबर फैलते ही आसपास के गांवों के लोग भी आने लगे थे। घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल भेजा गया।

गांव के निवासी मोहम्मद अजीबुल, मोहम्मद राहुलेरा ने कहा कि लोगों की चीख-पुकार सुनकर और रेलवे ट्रैक पर पड़े शवों को देखकर शांत नहीं बैठ सका।

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इलाके की मस्जिद के इमाम मुहम्मद बसीरुद्दीन ने कहा कि किसी भी घर में खाना नहीं बन रहा है। सोमवार को कुर्बानी ईद थी। किसी घर में कुर्बानी नहीं हुई। दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए युवक-युवतियां सभी आगे आए।

ग्रामीणों ने घायल यात्रियों को चिकित्सा सुविधा तक पहुंचाने की व्यवस्था की। बाद में बचाव दल पहुंचा। घटनास्थल पर पहुंची पचास से ज्यादा एंबुलेंस के जरिये घायलों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में ले जाया गया।

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