कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 30 नवंबर को 29 आरोपी व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ कोलकाता की विशेष न्यायालय (पीएमएलए) के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 5वीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने 30 नवंबर को ही इसका संज्ञान लिया।
इससे पहले ईडी ने पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रभारी मंत्री पार्थ चटर्जी और राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य समेत 25 आरोपियों और संस्थाओं के खिलाफ एक अभियोजन शिकायत और चार सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी। विशेष अदालत इसका पहले ही संज्ञान ले चुकी है।
ईडी ने सीबीआई की ओर से विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर प्राथमिक शिक्षक की अवैध नियुक्ति मामले की जांच शुरू की थी।
इस मामले में योग्य, सूचीबद्ध और उच्च रैंक वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति से वंचित कर, अयोग्य, गैर-सूचीबद्ध और कम रैंक वाले उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई थी। यह सब आपराधिक साजिश कर और नियमों की अवहेलना करते हुए किया गया।
ईडी ने मामले में पहले पश्चिम बंगाल सरकार के शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रभारी मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगियों के घर से कुल 49.80 करोड़ रुपये की नकदी और 5.08 करोड़ रुपये मूल्य के सोने और आभूषण जब्त किए गए। इससे पहले मामले में कुल लगभग 95 करोड़ की रुपये के 6 अनंतिम कुर्की (प्रोविजनल अटैचमेंट) आदेश जारी किए गए थे।
अब तक कुल लगभग 151.26 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त और कुर्क की गई है, जो आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं के नाम पर है। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
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