कोलकाता। पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। क़रीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। समाचार एजेंसी के मुताबिक पार्थ चटर्जी के अलावा अर्पिता मुखर्जी को हिरासत में लिया गया है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि पार्थ और अर्पिता बेहद क़रीबी हैं और इलाक़े में होने वाली एक दुर्गा पूजा आयोजन समिति की प्रमुख सदस्य हैं। ईडी ने एसएससी घोटाले से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोप में आज उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास से गिरफ्तार किया।
ईडी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के नाकतल्ला इलाके में चटर्जी के घर पर 27 घंटे की लंबी छापेमारी के दौरान इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।इस संबंध में ईडी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में वाणिज्य, उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी के साथ-साथ उनके करीबियों और रिश्तेदारों के घरों पर शुक्रवार सुबह छापेमारी शुरू की थी।
पार्थ चटर्जी इस वक़्त पश्चिम बंगाल सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री हैं। शनिवार सुबह पार्थ की तबीयत बिगड़ने के कारण डॉक्टरों की एक टीम घर पर बुलाई गई थी। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि इस रकम से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है लेकिन विपक्षी बीजेपी और सीपीएम ने इसे भ्रष्टाचार का नमूना करार दिया है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर तलाशी अभियान के दौरान पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों पार्थ चटर्जी और परेश अधिकारी के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम ने छापेमारी की थी। इन सबके बीच खबर यह है कि पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई थी। इसको लेकर जो फोटो जारी किए गए थे, उसमें 2000 और 500 के नोटों की गड्डी साफ साफ दिखाई दे रही है।