दुनियां में भारत के विजन 2047 व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की गूंज

भारत वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र से पूरी दुनियां को एक सूत्र में बांधकर, खुशहाली के प्रयास में आगे बढ़ा
ग्लोबल साउथ में भारत का उभरता नेतृत्व व ग्लोबल साउथ व नॉर्थ की दूरियों को समाप्त करने का महत्वपूर्ण मिशन सराहनीय- एड. के.एस. भावनानी

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के अनेक देशों में 40-50 वर्षों से कोई भारतीय पीएम नहीं गया था। वहां के अधिकृत दौरे जैसे अभी पोलैंड, पापुआ, न्यू गिनी, ऑस्ट्रिया सहित अनेक ऐसे देश में गए। वहीं वैश्विक टकराहट का कारण बने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन भी जा रहे हैं, तो वहीं प्रशांत क्षेत्र का भारत को एक ताकतवर देश के रूप में देखा है, तो वहीं ग्लोबल साउथ में भी भारत नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है। इसी प्रकार जी-20 की मेजबानी अनेक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का रुतबा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य के लिए भारत की लॉबिंग सहित अनेक ऐसे मौके आए हैं, जहां भारत को वजनदार प्रतिष्ठा मिली है, जिसमें आज दुनियां में भारत की जोरदार गूंज हो रही है, तो वहीं दूसरी ओर दुनियां का सबसे ताकतवर बादशाह कहे जाने वाले अमेरिका में भी शिकागो में चल रहे 18-22 अगस्त 2024 तक चल रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के नेशनल कन्वेंशन में भारतीय मूल की कमला हैरिस राष्ट्रपति पद चुनाव की औपचारिक कैंडिडेट बन गई है जो हर भारतीय के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है।

हालांकि इसके नतीजे कुछ भी हो सकते हैं, परंतु एक भारतीय मूल की उम्मीदवार बनी है यह रेखांकित करने वाली बात है, तो दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यक्रम में इशारा दे दिया है कि वह अगर राष्ट्रपति बने तो एलन मस्क को अपने कैबिनेट में मंत्री या व्हाइट हाउस में सलाहकार का दर्जा देंगे। चूंकि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र से पूरी दुनियां को एक सूत्र में बांधकर खुशहाली के प्रयास में आगे बढ़ रहा है और अमेरिका में कुछ ही महीनों में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की धूम मची हुई है, जिस पर पूरे विश्व की नजरें लगी हुई है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे दुनियां में भारत के विजन 2047 व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की गूंज हो रही है।

साथियों बात अगर मलेशिया के प्रधानमंत्री के भारत दौरे की करें तो, माननीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने कहा राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि दोनों पक्षों ने अपनी भागीदारी को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाकर भारत मलेशिया संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का फैसला किया है और सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में इसके कार्यान्वयन के लिए एक कार्य उन्मुख रोड मैप की दिशा में काम कर रहे हैं। आगे कहा कि भारत मलेशिया को ग्लोबल साउथ में एक मजबूत साझेदार के रूप में देखता है। मलेशिया आसियान में भारत का एक प्रमुख भागीदार है तथा हमारी एक्ट ईस्ट नीति और इंडो पैसिफिक विजन में एक महत्वपूर्ण देश है।राष्ट्रपति ने 2025 में मलेशिया के आसियान की अध्यक्षता संभालने के लिए शुभकामनाएं दीं और दोहराया कि भारत मलेशिया के साथ काम करना जारी रखेगा तथा शांतिपूर्ण और समृद्ध इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के हमारे साझा उद्देश्यों को हासिल करने की कोशिश में हरसंभव सहयोग देगा।

माननीय पीएम ने कहा, भारत और मलेशिया के बीच विस्तृत राजनीतिक साझेदारी का एक दशक पूरा हो रहा है और पिछले दो सालों में, प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के सहयोग से हमारी पार्टनरशिप एक नई गति और ऊर्जा आई है। आज हमने आपसी सहयोग के सभी क्षेत्रों पर व्यापक रूप से चर्चा की। हमने देखा कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार में निरंतर प्रगति हो रही है। अब हमारा व्यापार रुपये और रिंगिट में भी हो रहा है। गत वर्ष में, मलेशिया से भारत में 5 बिलियन डॉलर के निवेश पर काम हुआ है। आज हमने निर्णय लिया है कि हमारी साझेदारी को कंप्रीहेंसिव स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के रूप में एलीवेट किया जाएगा।

हमारा मानना है कि आर्थिक सहयोग में अभी और बहुत पोटेंशियल है। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश का विस्तार किया जाना चाहिए। नए तकनीकी क्षेत्रों, जैसे कि सेमीकंडक्टर फिंटेक, रक्षा उद्योग, एआई और क्वांटम में हमें आपसी सहयोग बढ़ाना चाहिए। हमने भारत और मलेशिया के बीच कंप्रेसिव इकोनामिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट के रिव्यू में गति लाने पर बल दिया है। डिजिटल टेक्नोलॉजी में सहयोग के लिए डिजिटल काउंसिल की स्थापना करने का और स्टार्टअप एलाइंस बनाने का निर्णय लिया है। भारत के यूपीआई और मलेशिया के पे-नैट को जोड़ने के लिए भी काम किया जायेगा। सीईओ फोरम की मीटिंग से नई संभावनाए सामने आई हैं।

दोनों ने रक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग की नई संभावनाओं पर भी बात की है। आतंकवाद और अतिवाद के खिलाफ लड़ाई में भी हम एकमत हैं। पीएम और उनके मलेशियाई समकक्ष के बीच व्यापार, निवेश, रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों पर गहन बातचीत के बाद भारत और मलेशिया ने मंगलवार को फैसला किया कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे। दोनों देशों ने कम से कम आठ समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक मलेशिया में भारतीय श्रमिकों की भर्ती को बढ़ावा देने तथा उनके हितों की सुरक्षा से संबंधित है।

साथियों बात अगर हम जापान के रक्षा और विदेश मंत्री के भारत दौरे व 2+2 बातचीत की करें तो, भारत और जापान ने मंगलवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामक सैन्य स्थिति से निपटने के लिए जोरदार तरीके से काम करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों पक्षों ने कहा कि वे स्वतंत्र और नियम आधारित हिंद- प्रशांत सुनिश्चित करने के साझा लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। दिल्ली में आयोजित तीसरी विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत और जापान समग्र रणनीतिक संबंधों को और विस्तार देने की इच्छा जताई। इसके लिए दोनों देश सुरक्षा सहयोग के एक नए ढांचे को तैयार करने पर भी सहमत हुए। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया, जबकि जापान की ओर से विदेश मंत्रीयो को कामिकावा और रक्षा मंत्री कि हारा मिनोरू मौजूद रहे।

भारत के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने 2+2 वार्ता से पहले अपने जापानी समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की। जापान के साथ 2+2 वार्ता द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग को और गहरा करने तथा दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूती प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। भारत का 2+2 अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और रूस के बाद जापान से ही है। रक्षा मंत्री ने कहा कि 2047 तक भारत के विकसित राष्ट्र बनने में जापान अहम भूमिका निभाएगा। उसके साथ रक्षा उद्योग क्षेत्रों में साझेदारी महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, भारत और जापान के बीच सभी क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध बढ़े हैं। रक्षा इन संबंधों में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभरी है। उन्होंने कहा, घरेलू रक्षा क्षमताओं का निर्माण इस विजन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। रक्षा प्रौद्योगिकी और उद्योग के क्षेत्र में जापान के साथ साझेदारी भारत के इस विजन को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। रक्षा मंत्री ने कहा, मौजूदा वैश्विक स्थिति को देखते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, समावेशिता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह हमारी साझेदारी महत्वपूर्ण है।

साथियों बात अगर हम शिकागो अमेरिका में 18-22 अगस्त 2024 को डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन की करें तो, अमेरिकी के शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन 18 अगस्त को शुरू हो गया है। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को मशाल सौंपी। इसके साथ ही कमला डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति का औपचारिक कैंडिडेट बन गई हैं। इस दौरान वे अपने आंसू भी पोछते नजर आए। कार्यक्रम के आखिरी दिन गुरुवार (22 अगस्त) को कमला औपचारिक भाषण देंगी। वह देश के लिए अपना विजन और डोनाल्ड ट्रम्प को हराने को लेकर अपनी प्लानिंग बताएंगी। इससे पहले मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, बुधवार (21 अगस्त) को बिल क्लिंटन का भाषण हुआ। बाइडेन बोले राष्ट्रपति बाइडेन ने अपने विदाई भाषण में अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये काम कमला हैरिस के साथ किया। उन्होंने कोरोना के दौर में अमेरिका को पूरी दुनिया में सबसे मजबूत इकोनॉमी बनाने की बात कही। बाइडेन ने ट्रम्प पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अमेरिका में राजनीतिक हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।

ट्रम्प जब अमेरिका के बारे में बात करते हैं कि तो लगता है कि अमेरिका कोई बिखरता हुआ देश है। वे दुनियां में अमेरिका की छवि को खराब करते हैं। ट्रम्प कहते हैं कि अमेरिका हार रहा है, असल में वे लूजर हैं। दुनियां के किसी एक ऐसे मुल्क का नाम बताओ, जो ये नहीं सोचता हो कि हम दुनियां में सबसे आगे हैं? अमेरिका जीत रहा है। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल की तुलना में अमेरिका अब अधिक समृद्ध और सुरक्षित है। बाइडेन ने कहा कि उनकी पार्टी डेमोक्रेसी को बरकरार रखने के लिए लड़ रही है। वे 2020 का चुनाव भी इसी लिए लड़ रहे थे। डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में सभी 50 राज्यों से पार्टी के नेता शिकागो पहुंचे हैं। वे उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का समर्थन करेंगे। इस कार्यक्रम में 50 हजार लोग शामिल हो रहे हैं, जिसमें 5 हजार डेलीगेट्स हैं। डीएनसी डेमोक्रेटिक पार्टी का सबसे बड़ा कार्यक्रम होता है जो कि चार सालों में एक बार चुनाव से पहले होता है। इसकी शुरुआत 1832 को हुई थी। तब तत्कालीन राष्ट्रपति एंड्रयू जैक्सन को दूसरी बार पार्टी उम्मीदवार चुनने के लिए बाल्टीमोर में डेमोक्रेट्स कार्यकर्ता इकट्ठा हुए थे।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दुनियां में भारत के विज़न 2047 व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की गूंज। भारत वसुधैव कुटुम्बकम के मंत्र से पूरी दुनियां को एक सूत्र में बांधकर, खुशहाली के प्रयास में आगे बढ़ा। ग्लोबल साउथ में भारत का उभरता नेतृत्व व ग्लोबल साउथ व नॉर्थ की दूरियों को समाप्त करने का महत्वपूर्ण मिशन सराहनीय है।

(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)

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