- इतिहास, विरासत और आतिथ्य का संगम – मुरशीदाबाद में एक अनोखा अनुभव
कोलकाता : आज के दौर में म्यूजियम होटल्स ने दुनियाभर के लोगों की कल्पना को नया आयाम दिया है। ऐसे होटल इतिहास को जीवंत कर देते हैं, जहां मेहमान एक अनूठे सांस्कृतिक अनुभव में डूब जाते हैं। यह सिर्फ घूमने की जगह नहीं, बल्कि इतिहास को महसूस करने और उसे यादगार बनाने का जरिया है।
हाउस ऑफ़ शहरवाली: एक म्यूजियम, जहाँ आप ठहर सकते हैं
हाउस ऑफ़ शहरवाली अपने अद्वितीय ऐतिहासिक महत्व और बेमिसाल मेहमाननवाजी के लिए जाना जाता है। पूर्वी भारत के इस पहले म्यूजियम होटल में मेहमानों को शहरवाली विरासत का अद्भुत अनुभव मिलता है।
आजिमगंज के सबसे ऊँचे और खूबसूरत हिस्से में स्थित यह होटल, हर कोने से गंगा नदी के दिलकश नज़ारों का आनंद लेने का मौका देता है।
इस प्रॉपर्टी को पुराने समय की कला और वस्त्रों से सजाया गया है। यहाँ जैन दर्शन “अपरिग्रह” को ध्यान में रखते हुए बेकार पड़ी ऐतिहासिक चीज़ों को पुनर्जीवित करके इस्तेमाल किया गया है।
मुरशीदाबाद के केंद्र में स्थित, यह होटल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित लगभग 50 ऐतिहासिक स्थलों से मात्र 5 किलोमीटर की दूरी पर है।
**शहरवाली संस्कृति की झलक**
हाउस ऑफ़ शहरवाली की भव्यता और यहाँ का शांत माहौल इसे शाही अंदाज का परफेक्ट उदाहरण बनाता है। यहाँ की जगहें शहरवाली सरदार परिवारों की जीवनशैली से प्रेरित हैं और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
इस होटल के केंद्र में एक खूबसूरत जैन मंदिर है। म्यूजियम होटल में ब्रिटिश, डच, फ्रेंच, पुर्तगाली, मुगल, बंगाली और शहरवाली घरों से जुड़ी कलात्मक चीज़ें प्रदर्शित की गई हैं। यह विविधता इसे मुरशीदाबाद के गौरवशाली अतीत का जीवंत चित्रण बनाती है।
**एक यादगार अनुभव**
हाउस ऑफ़ शहरवाली में रहना सिर्फ इतिहास से जुड़ना नहीं है, बल्कि अपनी यादों में एक नया पन्ना जोड़ना भी है। शाम को छत पर बैठकर गंगा के खूबसूरत नज़ारों के साथ शहरवाली चाय का आनंद लेना यहाँ की खासियत है। आसपास की गलियाँ छोटे-छोटे अनोखे दुकानों और शहरवाली व्यंजनों के स्वाद से भरी हुई हैं।
होटल में इस्तेमाल होने वाली ताज़ा सब्ज़ियाँ और फल इसके अपने ऑर्गेनिक खेतों से आते हैं। यहाँ मेहमानों को शहरवाली शाकाहारी पकवानों का स्वाद चखने का मौका मिलता है, जिनका ज़िक्र श्री प्रदीप चोपड़ा की किताब में मिलता है।
**हाउस ऑफ़ शहरवाली के पीछे का दूरदर्शी व्यक्तित्व**
इस म्यूजियम होटल की परिकल्पना और निर्माण श्री प्रदीप चोपड़ा ने किया है। मुरशीदाबाद के जैन समुदाय से जुड़े प्रदीप चोपड़ा कला और प्राचीन वस्तुओं के प्रति अपने जुनून के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने इस ऐतिहासिक भवन को आधुनिक आतिथ्य के साथ एक अनोखे म्यूजियम होटल में बदल दिया है।
उनकी इस विरासत को संजोने की कोशिश ने न केवल शहरवाली संस्कृति को जीवित रखा है, बल्कि इसे नए तरीके से पेश भी किया है।
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http://www.hosheherwali.com
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