कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा महोत्सव की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री ने कोलकाता से एक साथ राज्य के 22 जिलों के 263 पूजा पंडालों का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया। इसके अलावा कोलकाता में कई पंडालों का उन्होंने खुद जाकर उद्घाटन किया। ममता ने इस दौरान चेतला अग्रणी पूजा कमेटी के पंडाल में मां दुर्गा का चक्षु दान भी किया। इसके साथ ही लोगों का पांडालों में देवी दर्शन के लिए पहुंचना भी शुरू हो गया है।
यूनेस्को ने कोलकाता की दुर्गापूजा को सांस्कृतिक विरासत घोषित किया है। इसलिए उत्साह भी दोगुना हो गया है। यूनेस्को प्रतिनिधि विभिन्न पूजा पंडालों में जा रहे हैं। यह पूजा कमेटी मंत्री फिरहाद हकीम के संरक्षण में है।कोलकाता में हर साल आयोजक पूजा के लिए विशेष थीम को चुनते हैं। इस बार भी असंख्य दुर्गा पूजा थीम मन मोहने को तैयार हैं।
कोलकाता के श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब ने इस बार पूजा मंडप वेटिकन सिटी की तर्ज पर बनाया है। दक्षिण कोलकाता के हाजरा पार्क दुर्गोत्सव कमेटी ने इस साल आधुनिक मशीनों के प्रसार और रोजमर्रा की जिंदगी पर इसके प्रभाव को दिखाया है। इसी तरह से कालीघाट क्षेत्र में एक और बड़े पूजा आयोजक ट्राइकान पार्क सरबोजनिन’ ने कार मैकेनिकों को सम्मानित करने का फैसला किया है।
यूनेस्को का आभार अपने पूजा मंडप के जरिये कोलकाता के बेहला बुड़ोशिवतला जनकल्याण संघ कर रहा है। दक्षिण कोलकाता में ढाकुरिया के बाबूबागान सार्वजनीन दुर्गोत्सव पूजा पंडाल के लिए स्मारक सिक्कों का इस्तेमाल किया है। दक्षिण कोलकाता पूजा चेतला अग्रणी अग्रणी ने इस साल केले के पत्तों से पूरे पूजा पंडाल का निर्माण किया है। साथ ही वह केले के पेड़ की छाल से रेशे निकालकर मंडप बनाया गया है। पूरा मंडप केले के पेड़ के पत्तों और छाल से बनाया गया है।