भोपाल। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 2020 की सिविल सेवा परीक्षा में देश में दूसरा और महिला वर्ग में प्रथम स्थान हासिल करने वालीं जागृति अवस्थी का कहना है कि कठिन परिश्रम और परिजनों के प्रोत्साहन के कारण वह अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण सपना पूरा कर सकी हैं। भोपाल निवासी जागृति अवस्थी के नाम यह शानदार उपलब्धि शुक्रवार को यूपीएससी की ओर से घोषित परिणाम में दर्ज हो गयी। इस उपलब्धि के बाद से ही जागृति के यहां शिवाजी नगर स्थित निवास पर बधाई देने वालों के साथ ही मीडिया का जमावड़ा लग गया।
चौबीस वर्षीय जागृति ने मीडिया को बताया कि उनका सपना प्रारंभ से ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी बनना था। उन्होंने दूसरे प्रयास में यह उपलब्धि हासिल कर ली है। जागृति के पिता श्री एस सी अवस्थी होम्योपैथी चिकित्सक हैं और उनकी मां पेशे से शिक्षिका थीं, जिन्होंने अपनी पुत्री का अध्ययन में सहयोग करने के उद्देश्य से यह कार्य छोड़ दिया। जागृति का भाई चिकित्सक बनने के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।
सफलता से उत्साहित जागृति ने बताया कि उन्होंने यहां स्थित मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नालॉजी (मैनिट) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि चार वर्ष पहले हासिल की। इसके बाद उन्हें यहां भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) में सेवा का अवसर मिला। इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी में अपना भाग्य आजमाकर अपना सपना साकार करने के बारे में सोचा। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली।
माता, भाई और पिता ने जागृति को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया और घर में वह माहौल भी मुहैया कराया, जिससे उसकी तैयारियों में कोई परेशानी नहीं हो। जागृति ने अपनी सफलता में परिजनों के सहयोग का जिक्र करते हुए कहा कि घर में टीवी का उपयोग भी नहीं के बराबर हो गया था और कोई सदस्य फोन पर बात भी इस तरह से करता था, जिससे कोई परेशानी नहीं हो।
जागृति ने बताया कि उन्होंने कोचिंग के लिए दिल्ली का रुख भी किया था और कुछ समय बाद कोविड के कारण वापस भोपाल लौटना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने अपना उत्साह कम नहीं होने दिया। घर पर ही प्रतिदिन अध्ययन में दस से बारह घंटे का समय दिया और परीक्षा के पास आते ही अध्ययन की अवधि और बढ़ा दी गयी और सबकी दुआ से नतीजा सामने है।
जागृति के घर पर कल से ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। परिजन भी मिलने वालों की शुभकामनाएं स्वीकार करते हुए अपनी भावनाओं पर बमुश्किल नियंत्रण कर पा रहे हैं। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्रिमंडल के सदस्यों, विभिन्न राजनेताओं और उनके स्कूल तथा कॉलेज के शिक्षकों और साथियों ने भी जागृति को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि प्रदेशवासियों के लिए भी गौरव की बात है।