इन दिनों गले में खराश एक आम और गंभीर समस्या बन चुकी है क्योंकि ये लक्षण कोरोना का सबसे साधारण लक्षण है। गले में खराश की समस्या भले ही दवाओं और कफ सिरप से दूर हो जाती है लेकिन इस बार कई कफ सिरप इसे दूर करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के मुताबिक गले में खराश का कारण वायरल संक्रमण है लेकिन ऐसा धूम्रपान और एलर्जी से भी हो सकता है।
ज्यादातर मामलों में खराश एक हफ्ते के समय में ठीक हो जाती है लेकिन कोरोना जैसी गंभीर समस्या में उपचार तुरंत जरूरी है। गले में खराश और खांसी को दूर करने के लिए लोग अब देसी उपचार का भी सहारा ले रहे हैं। इसलिए हम आपको ऐसा एक देसी नुस्खा बता रहे हैं, जो गले में खराश से तुरंत राहत देने के काम काम करता है। आइए जानते हैं क्या है ये नुस्खा।
1) 1- सर्दी या फ्लू 2 -लैरींगाइटिस 3 – टोंसिलाइटिस 4 – ग्लैंडुलर फीवर 5 – गले का संक्रमण 6 – धूम्रपान या सैकंड हैंड धुएं के संपर्क में आना
2) अगर आपके गले में खराश है तो बरसों पुराना ये नुस्खा आपके लिए बड़े काम का है। जी हां, ये नुस्खा एक साल के बच्चे से लेकर बड़ी उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। इतना ही नहीं आयुर्वेद में भी गले में खराश को दूर करने के लिए शहद का सेवन करने को कहा गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, गले में खराश को दूर करने के लिए शहद काफी प्रभावी है। हालांकि कुछ अध्ययनों में इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि गले में खराश के लक्षणों के इलाज के लिए शहद फायदेमंद है या नहीं।
3) नेशन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड केयर एक्सलेंस एंड पब्ल्कि हेल्थ इंग्लैंड की मानें तो खांसी या गले में खराश के लिए आपको तुरंत ही शहद का ये घरेलू नुस्खा आजमाना चाहिए।
4) आयुर्वेद की मानें तो शहद खांसी और गले में दर्द का एक आजमाया हुआ नुस्खा है। शहद के सेवन से गले में दर्द और खराश जैसी समस्या में बहुत आराम मिलता है। आपको बस रात को सोते समय दो चम्मच शहद का सेवन करना है, जिससे खराश और खांसी को ठीक करने में मदद मिलती है। आप चाहें तो गर्म पानी के साथ या फिर चाय में दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं, जो बहुत आराम पहुंचाती है। बस इस बात का ध्यान रखें कि 1 साल से छोटे बच्चे को शहद न दे क्योंकि ये उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
5) एक अध्ययन के मुख्य लेखकों ने इस बात का जिक्र किया था कि शहद में मौजूद एंटीबायोटिक गुण, दवाओं के मुकाबले ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं। दरअसल इसमें मेथिसिलिन प्रतिरोधी स्टेफिलोकोकस ऑरियस होता है, जो कि बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है, इसलिए एंटीबायोटिक के रूप में शहद का इस्तेमाल हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है।