साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on March 2, 2021 by admin *कुण्डलिया* करते टीका-टिप्पणी, केवल आठो याम। अब विपक्ष के पास बस, एक यही है काम।। एक यही है काम, कभी है टोपी-टीका। आन्दोलन पर टिके, कभी टीका पर टीका।। कल तक ख़ुद ही खेत, देश का थे जो चरते। दो-मुखिया, दो-गले, दीखते टीका करते।। चुनावी बयार के बीच तीन गाड़ियों से सात लाख नकदी बरामद सवाल सरकार से : चुनाव समय से हो सकते हैं तो नौकरियों की परीक्षा क्यों नहीं ??