- पर्याप्त नींद न होना 30 से 60% बीमारियों को दावत!
- 55% भारतीय रोजाना 6 घंटे से भी कम नींद ले रहे
कुमार संकल्प, कोलकाता: बच्चों में होने वाले खर्राटे को हलके में न लें। यदि ऐसी समस्या नजर आ रही है तो चिकित्सकीय परामर्श जरूर लें। यह कहना है हेल्थ एक्सपर्ट का।
अगर आप लंबे समय तक पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो कैंसर समेत कई बीमारियां होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
वर्तमान में, अध्ययनों से पता चला है कि लंबे समय तक अपर्याप्त नींद से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि हृदय रोग जैसी बीमारियों के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
हाल ही में, इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चला है कि नियमित रूप से 6 घंटे से कम नींद लेने से सभी प्रकार के कैंसर का खतरा 30-60 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
सोम्नोस स्लीप क्लिनिक और मेडिका सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉ. सौरभ दास ने जो कि वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी के क्षेत्रीय समन्वयक व कलकत्ता स्लीप सोसाइटी सचिव भी हैं ने कहा कि नींद लेना सेहत को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी माना जाता है।
व्यक्ति भले ही शारीरिक रूप से कितना ही हष्ट-पुष्ट हो, अगर वह अच्छी नींद नहीं ले पा रहा है तो उसे स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी ही चाहिए।
पिछले दिनों एक सर्वे रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि 55% भारतीय रोजाना 6 घंटे से भी कम की अच्छी नींद ले पा रहे हैं।
वहीं, 28 प्रतिशत लोगों का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद उनकी नींद की क्वालिटी खराब हो गई है, यानि कि वो गहरी, चैन की नींद अब नहीं ले पा रहे हैं।
दैनिक जीवन की भागदौड़ में अक्सर नींद को नजर अंदाज किया जाता है, जो जीवन शक्ति की नींव के रूप में कार्य और मानव अस्तित्व के हर पहलू को प्रभावित करती है।
कलकत्ता स्लीप सोसाइटी के सचिव डॉ. सौरव दास और कलकत्ता स्लीप सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. उत्तम अग्रवाल ‘वैश्विक स्वास्थ्य के लिए स्लीप इक्विटी’ का संदेश दे रहे हैं।
नींद की कमी का प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य से परे मानसिक कल्याण और जीवन की समग्र गुणवत्ता तक फैलता है।
स्लीप एपनिया और ईएनटी सर्जन डॉ. उत्तम अग्रवाल ने कहा कि, ‘जिस तरह अच्छे स्वास्थ्य के लिए उचित आहार और नियमित व्यायाम आवश्यक है, उसी तरह अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद भी आवश्यक है।
वर्तमान में विभिन्न शोधों से पता चला है कि पर्याप्त मात्रा में नींद न लेने पर कई तरह की शारीरिक बीमारियां देखने को मिलती हैं।
इनमें से सबसे उल्लेखनीय में से एक है ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया या ओएसए – एक विकार जिसमें नींद के दौरान बार-बार सांस लेना बंद सा हो जाता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है।
इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं। ओएसए के कारण दिन में थकान और नींद आना, सिरदर्द, एकाग्रता की कमी, याददाश्त में कमी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
यहां तक कि छोटे बच्चों को भी ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया हो सकता है। मां या घर में हर कोई सोचता है कि बच्चा खर्राटे ले रहा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह अच्छी नींद ले रहा है।
लोगों में जागरूकता जरूरी है। इसी उद्देश्य से वर्ल्ड स्लीप सोसाइटी कई वर्षों से इस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रही है।
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