तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर डॉ. सुदीप चौधरी ने कुछ महीने पहले एक दिल दहला देने वाली घटना में अपने बेटे सौरदीप चौधरी को खो दिया, जो अभी अठारह साल का हुआ था। सौरदीप के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे सौरदीप की मौत दक्षिण भारत के विजयवाड़ा में एक कॉलेज हॉस्टल में रैगिंग के कारण हुई। डॉ. सुदीप चौधरी ने पहले ही न्याय के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है। इस बीच, सुदीप चौधरी ने अपने बेटे की यादों को जिंदा रखने के लिए उनके नाम पर एक फाउंडेशन बनाया है। उनके साथ उनके शुभचिंतक भी हैं।
सौरदीप फाउंडेशन ने विश्व हृदय दिवस के दिन सुबह जल्दी ही पदयात्रा शुरू कर दी। मेदिनीपुर कॉलेजिएट स्कूल के पूर्व छात्र सौरदीप का सपना बीटेक इंजीनियर बनने का था। चौधरी ने अपने बेटे के सपनों और यादों को जीवित रखने के लिए मुसीबत में फंसे छात्रों और लोगों के साथ खड़े होने के उद्देश्य से यह फाउंडेशन बनाया है। बरसाती शाम मेदिनीपुर शहर के पंचूर चौक स्थित रवीन्द्र मूर्ति के चरणों में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत में दिवंगत सौरदीप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर तथा चित्र के समक्ष मोमबत्तियां जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी।
इसके बाद विभिन्न वक्ताओं ने हृदय को स्वस्थ रखने के साथ-साथ रैगिंग से बचाव के बारे में बताया। चर्चा में सामाजिक कार्यकर्ता नारायण कांडार , डॉ. बिमल गुड़िया और सौरदीप के पिता डॉ. सुदीप चौधरी ने भाग लिया। सस्वर पाठ शुभदीप बोस ने किया।
कॉलेजिएट स्कूल की शिक्षिका शांति सरकार, प्रोफेसर डॉ विश्वजीत सेन, डॉक्टर देबब्रत चटर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता कुंदन गोप, प्राचार्य डॉ..प्रसून कुमार पडिया, सामाजिक कार्यकर्ता सुब्रत रॉय, सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बोस, डॉ. अनुपम नाइक, डॉ. विश्वजीत पडिया, शिक्षक शुभेंदु घोष और चौधरी परिवार के अन्य प्रमुख लोग और शुभचिंतक इस अवसर पर उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक सुदीप कुमार खांडा ने किया।