कोलकाता। Bengal Election : नवनिर्वाचित विधायकों के शपथ ग्रहण करने के बाद आगामी नौ मई को ममता सरकार के मंत्री शपथ लेंगे। इससे पहले संभावित मंत्रियों को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। 50 से अधिक निर्वाचित विधायकों के नए होने के साथ मंत्रियों के रूप में नए चेहरों की संभावना है। पिछली बार कुल 44 मंत्री थे, जिनमें से 28 कैबिनेट मंत्री थे और 16 राज्य मंत्री थे। इन दिनों राजनीतिक गलियारों में सबसे अधिक चर्चा राज्य के संभावित वित्तमंत्री को लेकर हो रही है।
प्रारंभ में वित्त विभाग ममता बनर्जी ने खुद के पास रखने का फैसला किया था, लेकिन पार्टी सूत्रों के अनुसार उन्होंने अपने इस फैसले को बदल दिया और अब इस महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी वित्तमंत्री रह चुके अमित मित्रा को दी जा सकती है। स्वास्थ्य ठीक नहीं रहने के कारण इस बार मित्रा ने खड़दह विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ा था। वित्त मंत्री बनने से पहले अमित मित्रा वाणिज्यिक संस्था फिक्की के निदेशक रहे।
अमित मित्रा की जगह इस बार खड़दह विधानसभा क्षेत्र से स्थानीय नेता काजल सिन्हा को मैदान में उतारा था। मतदान के दूसरे दिन ही कोरोना संक्रमण के कारण उनकी मौत हो गई। चुनाव नतीजा आने पर वे विजयी हो गए। अब उक्त विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव होगा और अमित मित्रा के वित्त मंत्री बनाए जाने पर छह महीने के भीतर उन्हें चुनाव जीतना होगा। अब सवाल उठाया जा रहा है कि क्या मित्रा फिर से अपने पुराने क्षेत्र से चुनाव लड़ेगे या फिर वे किसी दूसरे क्षेत्र से? पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है।