नयी दिल्ली। बांग्लादेश के खिलाफ वर्ल्ड कप 2023 के मैच में भारत को जीत के लिए 2 और विराट कोहली को अपने शतक के लिए 3 रन की दरकार थी। बांग्लादेश के बाएं हाथ के स्पिनर नसुम अहमद ने गेंद फेंकी, जो लेग स्टम्प से बाहर जा रही थी। कोहली को लगा कि अंपायर इस गेंद को वाइड करार दे देंगे लेकिन ऑन फील्ड अंपायर रिचर्ड कैटेलब्रो ने गेंद को वाइड नहीं करार दिया। अंपायर के फैसले से कोहली को अपना 48वां शतक पूरा करने का मौका मिला और उन्होंने दो गेंद बाद छक्का मारकर सेंचुरी पूरने के साथ ही भारत को जीत दिला दी।
इसके बाद से ही अंपायर कैटेलब्रो की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि कोहली का शतक पूरा हो जाए इसलिए अंपायर ने लेग स्टम्प के बाहर की गेंद को भी वाइड नहीं दिया। आखिर कौन सही है? क्या अंपायर ने कोहली की मदद की या उनका नसुम की गेंद को वाइड करार नहीं देने का फैसला आईसीसी के नियमों के तहत सही था? आइए जानते हैं।
क्या कहता है नियम
आपको बता दें कि क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेलबर्न क्रिकेट क्लब का वाइड को लेकर क्या नियम है। किस गेंद को अंपायर वाइड करार दे सकता है। एमसीसी के आर्टिकल 22.1.1, “जो क्रिकेट में वाइड गेंद से संबंधित है के मुताबिक, एक गेंद को स्ट्राइकर से दूर माना जाएगी, जब तक कि वह नॉर्मल क्रिकेट शॉट खेलने के लिए उसकी पहुंच के भीतर ना हो। आसान भाषा में समझें तो बैटर अपनी जगह से हिलकर शॉट खेलने की कोशिश करता है तो फिर लेग स्टम्प के बाहर की गेंद भी वाइड नहीं होती है।
बांग्लादेश के खिलाफ मैच में जब नसुम अहमद ने गेंद फेंकने से पहले रनअप लिया था, तब विराट कोहली ऑफ साइड की तरफ मूव कर गए थे। अंपायर के नजरिये से अगर कोहली गेंद को खेलने के लिए अपनी जगह से नहीं हिलते तो वो बॉल उनके पैड पर आकर टकराती, इसलिए फील्ड अंपायर रिचर्ड कैटेलब्रो का वाइड नहीं देना का फैसला सही था।