World Diabetes Day 2024, कोलकाता। मधुमेह दुनियाभर में तेजी से बढ़ती बीमारी है जिसका शिकार हर उम्र के लोगों को देखा जा रहा है। ब्लड शुगर के सामान्य से अधिक बने रहने वाली ये बीमारी शरीर को कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है। जिन लोगों का शुगर लेवल अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उनमें आंखों, किडनी, तंत्रिकाओं और हृदय से संबंधित कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को अपने ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं। वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस गंभीर और क्रोनिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने, इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस मनाया जाता है।
डॉक्टर बताते हैं, भले ही दुनियाभर में सबसे ज्यादा मरीज टाइप-2 डायबिटीज के देखे जाते रहे हैं पर मधुमेह चार प्रकार का होता है।
इसे उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी समझना या युवावस्था में शुगर की समस्या को अनदेखा करना आपके लिए दिक्कतें बढ़ाने वाला हो सकती है। बढ़े रहने वाले शुगर लेवल का असर हृदय और आंखों की सेहत पर भी पड़ सकता है, इसलिए मधुमेह को हल्के में लेने की भूल नहीं की जानी चाहिए।
नारायणा हॉस्पिटल, आरएन टैगोर हॉस्पिटल, मुकुंदपुर के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट प्रोफेसर डॉ. देबमाल्य सान्याल ने इस वैश्विक स्वास्थ्य दिवस पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, “वर्ल्ड डायबिटीज डे का उद्देश्य प्रीडायबिटीज और डायबिटीज की रोकथाम और प्रबंधन की ताकत पर जोर देना है।
डायबिटीज के प्रति जागरूकता, शिक्षा, और समय पर हस्तक्षेप से जटिलताओं और इसके विभिन्न अंगों जैसे हृदय, किडनी, आँखें और नसों पर प्रभाव को रोका जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, रक्त शर्करा की नियमित निगरानी, और विशेषज्ञ देखभाल लेना जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
आइए हम सभी मिलकर डायबिटीज की शीघ्र पहचान, देखभाल तक पहुँच, और प्रभावित लोगों का सहयोग करने के लिए काम करें। साथ मिलकर, हम एक ऐसा भविष्य बना सकते हैं जिसमें डायबिटीज से प्रभावित लोग स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी सकें।
नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा के डायबेटोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. संजय के शाह ने डायबिटीज की अक्सर मौन प्रकृति को रेखांकित करते हुए कहा, “डायबिटीज एक उच्च रक्त शर्करा की स्थिति है, जो अक्सर लक्षणहीन होती है और शुरुआत में पहचानना मुश्किल होता है।
इसे शुरुआती अवस्था में आहार और व्यायाम से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन दवा लेना भी आवश्यक है क्योंकि यह पैंक्रियाज के इंसुलिन-निर्माण कोशिकाओं की सुरक्षा करता है। डायबिटीज अक्सर अन्य समस्याओं जैसे उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और वजन संबंधी समस्याओं से जुड़ा होता है, जिनका निगरानी और प्रबंधन जरूरी है ताकि डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं न बढ़ें।
रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के अलावा, डायबिटीज प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करना है—जैसे हृदय, किडनी, आँखें, मस्तिष्क, नसें, और यकृत। ये अंग शुरू में बिना लक्षणों के प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए नियमित चेक-अप्स जरूरी हैं ताकि शुरुआती क्षति का पता चल सके और रक्षा उपचार शुरू किया जा सके।
डॉ. शाह ने कहा, “इस वर्ल्ड डायबिटीज डे पर, स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें, और सूचित रहें।”
स्वस्थ जीवनशैली, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तंबाकू और अतिरिक्त नमक से बचाव, और नियमित चेक-अप्स के साथ डायबिटीज का प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।
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