लंदन : दुनिया में जारी कोरोना के प्रकोप के बीच ब्रिटेन ने अस्थमा, फेफड़े की बीमारी और त्वचा रोग की दवा डेक्सामेथासोन का कोरोना संक्रमितों पर परीक्षण किया गया है। परिणाम में सामने सामने आया है कि इससे मृत्युदर को एक तिहाई कम करने में मदद मिली है। शोधकर्ताओं ने इस दवा को बड़ी कामयाबी बताया है। उनके अनुसार डेक्सामेथासोन को तुरंत अस्पतालों में कोविड संक्रमितों को दी जानी चाहिए।
वैश्विक महामारी को रोकने के लिए प्रभावी टीका ढूंढने की दौड़ में यह नयी कोशिश है। रिसर्च के अनुसार, इस दवा को 2104 मरीजों को दिया गया और उनकी तुलना साधारण तरीकों से इलाज किए जा रहे 4321 दूसरे मरीजों से की गई। दवा के इस्तेमाल के बाद वेंटीलेटर के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 फीसदी तक घट गई। वहीं, जिन मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा रहा था उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पीटर होर्बी ने कहा कि ये काफी उत्साहजनक नतीजे हैं।मृत्यु दर कम करने में और ऑक्सीजन की मदद वाले मरीजों में साफ तौर पर इसका फायदा हुआ। इसलिए ऐसे मरीजों में डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल होना चाहिए। डेक्सामेथासोन दवा महंगी भी नहीं है और दुनियाभर में जान बचाने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है।