कोलकाता : अभिनेता से तृणमूल कांग्रेस के सांसद बने देव, बैसाखी के सहारे रोज कई किलोमीटर चलकर मास्क बेचकर अपनी जिंदगी गुजारने वाले एक दिव्यांग बुजुर्ग व्यक्ति की मदद के लिए आगे आए। लॉकडाउन के कारण अपने बेटे के फूल के व्यापार का काम ठप होने के बाद अमाल भौमिक (80) जून से ही शहर के उत्तरी छोर पर बेलघरिया इलाके में गली-गली भटक रहे थे।
देव को ट्विटर पर एक पोस्ट के जरिए भौमिक की बेबसी का पता चला तो उन्होंने उनकी मदद करने का फैसला किया।
अभिनेता के प्रोडक्शन की टीम ने बुजुर्ग के परिवार से संपर्क किया और उनकी वित्तीय मदद करने का वादा किया। भौमिक के बेटे ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘देव दा के एक निजी सहायक ने मुझे फोन किया और सहायता देने का वादा किया। उनकी टीम के एक सदस्य जल्द ही आएंगे।’’
माकपा के कार्यकर्ता सोमनाथ सरकार ने 14 जुलाई को ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की थी। सरकार ने लिखा था, ‘‘ये बेलघरिया में प्रफुल्लनगर कॉलोनी के अमाल भौमिक हैं। वह प्रतिकूल हालात से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। नाइट डूटी से लौटते समय उनसे सामना हुआ। उनसे पता चला कि वादों के बावजूद सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेताओं और पार्षद ने उनकी मदद नहीं की। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘उन्हें वृद्धावस्था पेंशन भी नहीं मिलती है। क्या किसी तरह उनकी मदद की जा सकती है ?’’
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— Dev (@idevadhikari) July 25, 2020
उनका ट्वीट साझा करते हुए देव ने कहा, ‘‘हाय सोमनाथ…उनकी मदद कर खुशी होगी। सूचना देने के लिए शुक्रिया।’’ संपर्क करने पर भौमिक ने कहा कि उन्हें सड़कों पर इसलिए आना पड़ा क्योंकि परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। भौमिक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मेरा बेटा अपना कारोबार चलाने के लिए संघर्ष कर रहा है। आए दिन बाजार बंद कर दिया जाता है। पिछले दो-तीन महीने से महामारी के कारण शादी या अन्य कार्यक्रम के लिए भी
उसे कोई ऑर्डर नहीं मिल रहा है। अंतिम संस्कार के लिए भी कोई फूल नहीं खरीद रहा है।’’ घाटाल के सांसद देव ने इससे पहले नेपाल से 286 प्रवासी मजदूरों की वापसी में मदद की थी। उन्होंने कहा कि मुश्किलों से गुजर रहे लोगों की सहायता करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि मैंने कोई बड़ा काम किया है। परेशानी का सामना कर रहे लोगों की मदद करना मेरा दायित्व है।