कोलकाता। सेठ बंसीधर जालान स्मृति मंदिर (जिसे बांगेश्वर महादेव मंदिर भी कहा जाता है) में सैकड़ों भक्तों ने गंगा आरती का आनंद लिया, जहां का माहौल हरिद्वार जैसा महसूस हुआ। 72 साल पुराने इस मंदिर में जब भक्तों ने प्रार्थना की, तो पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से भर गया।
मंदिर समिति ने स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी के सहयोग से दूसरी बार कोलकाता में देव दीपावली का आयोजन किया।
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख, स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी की उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। परमार्थ निकेतन की प्रसिद्ध गंगा आरती की गूंज इस बार कोलकाता के बांधाघाट में गंगा के किनारे सुनाई दी।
जालान परिवार द्वारा निर्मित 61 फीट ऊंची शिव प्रतिमा, जिसका अनावरण 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था, इस कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण बनी।
मंदिर के ट्रस्टी और कोलकाता में ग्रीस के काउंसल जनरल, सुधीर जालान ने कहा, “हमें यहां देव दीपावली का आयोजन कर खुशी है, जो आनंद और प्रकाश फैला रही है। स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी के नेतृत्व में गंगा आरती एक विशेष अनुभव था।”
स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी की उपस्थिति ने इस पल को और खास बना दिया, जिससे यह हमारे मंदिर और शहर के लिए एक ऐतिहासिक अवसर बन गया।
सेठ बंसीधर जालान स्मृति मंदिर में देव दीपावली के इस आयोजन ने, जहां हजारों दीयों ने गंगा नदी को रोशन किया, अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक बनाया। गंगा आरती, स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी के नेतृत्व में, दर्शकों के लिए एक गहरा अनुभव रहा, जिसमें गंगा के पवित्र जल में दिव्यता की अनुभूति हुई।
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