अंडरवर्ल्ड के साथ परमबीर सिंह के ताल्लुकात की जांच की मांग, आखिर क्यों, यहां पढ़ें

मुम्बई। Antilia Case : मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और मुंबई पुलिस इंस्पेक्टर अनूप एस. डांगे को लेकर एक नया विवाद सामने आया है, जिसमें इंस्पेक्टर ने अंडरवर्ल्ड संग ताल्लुकात रखने वाले ‘संदिग्ध पात्रों’ — जितेंद्र नवलानी और भरत शाह संग सिंह के संबंधों की जांच की मांग की है। फरवरी में महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को लिखे एक पत्र में डांगे ने कहा कि 22 नवंबर, 2019 में जीतू नवलानी ने उस वक्त उन्हें धमकाया था, जब ब्रीच कैंडी इलाके में वह वक्त पर पबों को बंद कराने का काम कर रहे थे।

उस वक्त एंटी करप्शन के महानिदेशक रहे परम बीर सिंह के साथ करीबी संबंध होने का दावा कर डर्टी बन्स सोबो क्लब के मालिक नवलानी ने उन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी।

उसी रात संयोगवश उसी इलाके में फिल्मों के फाइनेंसर और बिजनेसमैन भरत शाह के पोते यश राजीव मेहता ने एक पुलिस कॉन्स्टेबल के साथ बदसलूकी की, जिसके बाद डांगे ने मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। फरवरी, 2020 में मुंबई पुलिस आयुक्त के रूप में अपना कार्यभार संभालने के बाद सिंह ने नवलानी मामले में कोई चार्जशीट दायर न करने का आदेश दिया।

डांगे ने अपनी शिकायत में कहा है कि सिंह ने नवलानी संग मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन के सामने मोती महल बिल्डिंग की पहली मंजिल केएक निजी फ्लैट में मुलाकात की थी। भरत शाह के साथ भी नवलानी की जान-पहचान है। उस फ्लैट को शार्दुल सिंह ब्यास ने किराए पर ले रखा था।

डांगे ने कहा कि नवलानी चार्जशीट से अपना नाम हटवाना और डांगे को सबक सिखाना चाहता था। सिंह के कजिन होने का दावा करने वाले ब्यास ने पोस्टिंग की सजा से बचने के लिए डांगे से 50 लाख रुपये भी मांगे थे। जुलाई, 2020 में डांगे को सस्पेंड कर दिया गया और ब्यास ने इसके बाद पुन: बहाली के लिए उनसे दो करोड़ रुपये मांगे। डांगे को इस बीच पता लगा कि नवलानी संग सिंह का गहरा कनेक्शन है।

डांगे ने अपनी शिकायत में कहा कि सिंह और नवलानी का वाधवा ब्रदर्स और दीवान ब्रदर्स के साथ भी करीबी जान-पहचान है, जिन्हें ईडी ने अंडरवर्ल्ड डॉन इकबाल मिर्ची से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। हाई रैंकिंग पुलिस ऑफिसर्स और बिजनेसमैन के बीच बड़ी-बड़ी डीलिंग के लिए नवलानी एक मध्यस्थ के तौर पर काम करता था। डांगे ने कहा कि सिंह ने नवलानी, भरत शाह और यश राजीव मेहता को कानून की नजर से बचाने की साजिश भी रची।

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