आईआईएम संबलपुर के 8वें वार्षिक दीक्षांत समारोह में 236 विद्यार्थियों को प्रदान की गई डिग्रियां

• बंधन बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ श्री चंद्रशेखर घोष इस समारोह के मुख्य अतिथि थे।
• पांच छात्रों को चेयरमैन और डायरेक्टर के स्वर्ण पदक से किया गया सम्मानित।
• प्रिया पंत और रोमा दाश ने क्रमशः एमबीए और एक्जीक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए हासिल किए चेयरमैन गोल्ड मैडल।
• एमबीए (2022-24) के 190 छात्रों को प्रदान की गई एमबीए की डिग्री।
• 46 कामकाजी पेशेवरों के पहले बैच (2021-23) को एक्जीक्यूटिव एमबीए की डिग्री प्राप्त हुई।

संबलपुर। देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक आईआईएम संबलपुर का 8वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। संस्थान के इतिहास में यह दिन इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण उपलब्धि वाला दिन रहा, क्योंकि इस दीक्षांत समारोह में 8वें एमबीए बैच (2022-24) के साथ-साथ एग्जीक्यूटिव एमबीए (2021-23) के पहले बैच को भी डिग्रियां प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में प्रिया पंत और रोमा दाश ने क्रमशः एमबीए और एक्जीक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए चेयरमैन गोल्ड मैडल हासिल किए। आईआईएम संबलपुर के लिए यह गर्व की बात थी और महिला सशक्तिकरण के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि कही जा सकती है कि संस्थान की दो छात्राओं ने प्रथम रैंक प्राप्त कर क्रमशः एमबीए और एक्जीक्यूटिव एमबीए प्रोग्राम के प्रतिष्ठित चेयरमैन गोल्ड मैडल हासिल किए। यह भी गौरतलब है कि एमबीए बैच में शीर्ष 10 स्कोररों में से 6 आरक्षित श्रेणियों से थे।

बंधन बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ श्री चंद्रशेखर घोष ने मुख्य अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर आईआईएम संबलपुर के बीओजी की चेयरमैन और सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरमैन और सीईओ अरुंधति भट्टाचार्य भी उपस्थित थीं। दीक्षांत समारोह में आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल, डीन, संकाय सदस्य, स्नातक छात्र और उनके अभिभावक भी शामिल हुए।

आईआईएम संबलपुर के बीओजी की चेयरमैन और सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरमैन और सीईओ श्रीमती अरुंधति भट्टाचार्य ने स्नातक छात्रों को उनके पेशेवर सफर की शुरुआत करने के लिए प्रेरित किया और कहा, ‘‘जीवन के सभी पहलुओं में प्रगति हासिल करने के लिए यह बहुत जरूरी है कि हम सेल्फ-मैनेजमेंट की ओर भी ध्यान दें। मेरा मानना है कि सेल्फ-मैनेजमेंट सर्वाेपरि है और यही सफलता की आधारशिला भी है। आत्म-अनुशासन, हालात के अनुसार खुद को बदलना और चुनौतियों का सामना करने की क्षमता के बिना, कोई भी व्यक्ति सेल्फ-मैनेजमेंट में महारत हासिल नहीं कर सकता है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘यदि आप संकट के समय लीडरशिप नहीं कर सकते हैं या स्थिर विकास की अवधि के दौरान पीछे नहीं हट सकते हैं, तो समझ लीजिए कि आपने अभी तक खुद को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना नहीं सीखा है। और इस बुनियादी कौशल के बिना, प्रबंधन का कोई भी पाठ आपको सफलता की ओर नहीं ले जाएगा। इसलिए, मैं आपसे आग्रह करती हूं कि आज यहां से जाते समय सेल्फ-मैनेजमेंट के महत्व पर विचार करें।’’

मुख्य अतिथि के तौर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए बंधन बैंक के फाउंडर, एमडी और सीईओ श्री चंद्रशेखर घोष ने अपनी जीवन यात्रा से जुड़े अनुभव साझा करते हुए मानव विकास सूचकांक और इससे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों जैसे प्रति व्यक्ति आय और शिक्षा को लेकर गंभीर चर्चा की। उन्होंने जमीनी स्तर पर लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने उदाहरण के तौर पर किफायती वित्त तक पहुँच की कमी का जिक्र किया और बताया कि किस तरह लोग अत्यधिक ऊंची ब्याज दरों पर पैसे उधार लेने पर मजबूर हो जाते हैं। श्री घोष ने एमबीए पूरा करने वाले बैच को सलाह भी दी और कहा, ‘‘सबसे पहले, उन लोगों को खोजने का प्रयास करें जो नौकरी के लिए सबसे उपयुक्त हैं, बजाय इसके कि हम सभी लोगों के अत्यधिक कुशल होने की अपेक्षा करें।’’

अपने स्वागत भाषण में, आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने संस्थान की 9 वर्षों की यात्रा में हासिल प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा, ‘‘आईआईएम संबलपुर में यह शैक्षणिक वर्ष उत्कृष्ट संस्थान बनने की दृष्टि से उल्लेखनीय प्रगति का साल रहा है। नवनिर्मित परिसर में आई-हब इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना, 9वीं अखिल भारतीय आईआईएम वर्ल्ड मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस, 100 क्यूब स्टार्टअप कॉन्क्लेव, अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ गठजोड़, दिल्ली कैंपस की शुरुआत और आईआईएम संबलपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन आदि महत्वपूर्ण कार्यक्रम इसी दौरान हुए।’’

प्रोफेसर जायसवाल ने आगे कहा, ‘‘यह बैच एक ऐसे दौर में आगे कदम रख रहा है, जबकि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है। भारत के वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में न केवल कॉर्पोरेट दिग्गजों के लिए, बल्कि सरकार सहित विभिन्न हितधारकों द्वारा फाइनेंस किए गए स्टार्टअप के लिए भी समृद्ध संभावनाएं हैं। भारत में 98,000 से अधिक स्टार्टअप और 110 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, जो देश में जीवंत उद्यमशीलता से संबंधित ईको सिस्टम को प्रदर्शित करते हैं।’’

प्रो. जायसवाल ने स्नातक करने वाले छात्रों को सफलता के पाँच मंत्र दिए जैसे कि कॉर्पाेरेट गुलाम मानसिकता के बजाय मालिक की मानसिकता को अपनाना, कानूनी और नैतिक अनुपालन का पालन करना, समस्या का समाधान करना, व्यावसायिकता बनाए रखते हुए सोचे-समझे जोखिम उठाना और तकनीक के माध्यम से इनोवेशन की प्रक्रिया को सीखना।

दीक्षांत समारोह के दौरान, 236 स्नातक छात्रों में से 190 विद्यार्थियों ने अपनी एमबीए की डिग्री प्राप्त की, जबकि एक्जीक्यूटिव एमबीए के 46 छात्रों ने भी डिग्रियां हासिल की। स्नातक वर्ग के पाँच मेधावी छात्रों को मैडल प्रदान किए गए। एमबीए कार्यक्रम में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित चेयरमैन गोल्ड मैडल उत्तर प्रदेश की सुश्री प्रिया पंत को उच्चतम सीजीपीए के आधार पर प्रथम रैंक हासिल करने के लिए मिला। बिहार के श्री आदित्य कुमार को दूसरे उच्चतम सीजीपीए के आधार पर दूसरा रैंक हासिल करने के लिए डायरेक्टर गोल्ड मैडल प्रदान किया गया।

शैक्षणिक उपलब्धियों, पाठ्येतर गतिविधियों और संस्थागत निर्माण गतिविधियों के आधार पर बेस्ट ऑलराउंड परफॉर्मेंस के लिए आईआईएम संबलपुर गोल्ड मैडल उत्तर प्रदेश के श्री देवाशीष मलकानी ने प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त, एग्जीक्यूटिव एमबीए में उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए प्रतिष्ठित चेयरमैन स्वर्ण पदक ओडिशा की सुश्री रोमा दश को प्रदान किया गया, जिसमें उन्हें उच्चतम सीजीपीए के साथ प्रथम रैंक धारक के रूप में मान्यता दी गई। शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए डायरेक्टर गोल्ड मैडल ओडिशा के विनय भूषण पांडा को मिला, जिन्होंने दूसरे उच्चतम सीजीपीए के साथ दूसरा रैंक हासिल किया। गरिमापूर्ण दीक्षांत समारोह का संचालन आईआईएम संबलपुर के सीएओ-इन-चार्ज अमृत मोहंती ने किया।

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